मुंबई। जिस तरह से सोने की कीमतें पिछली तीन दिवाली के मौके पर तेजी में रही हैं, वैसी उम्मीद अगली साल दिवाली तक इसमें तेजी की नहीं है। ऐसा अनुमान है कि सोने की कीमतें अगली दिवाली पर 52 से 53 हजार रुपए के बीच रह सकती हैं।
सोने की कीमतें 48 हजार के आस-पास हैं
वैसे अभी सोने की कीमतें 48 हजार के आस-पास हैं। यानी यहां से अगली दिवाली तक इसमें 10-15% की ही तेजी संभव है। ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले साल दिवाली तक सोना की कीमत 52 से 53 हजार रुपए प्रति दस ग्राम हो सकती है। पिछली दिवाली से इस दिवाली के बीच में सोने की कीमत में बहुत तेजी नहीं आई है।
अमेरिकी डॉलर और बॉड यील्ड में उतार-चढ़ाव
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कुछ महीने से अमेरिकी डॉलर और बॉड यील्ड में उतार-चढ़ाव रहा है। इसकी वजह से सोने की कीमतें एक दायरे में ही रह गई। उधर, दूसरी छमाही में अमेरिकी आंकड़े कमजोर आने की संभावना है। क्योंकि फेडरल रिजर्व बैंक अपने रूख में बदलाव ला सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, फेडरल रिजर्व के रूख से एक बार सोने की कीमतों में कुछ समय के लिए तेजी आ सकती है।
ब्याज दर में बदलाव का सीधा असर
चूंकि गोल्ड एक बिना ब्याज वाली संपत्ति है, इसलिए किसी भी ब्याज दर में बदलाव का इस पर सीधा असर दिखता है। बाजार में यह चर्चा है कि अब ब्याज दरें ऊपर जाने की ओर हैं इसलिए ज्यादातर देशों के सेंट्रल बैंक सुरक्षित मानी जाने वाली असेट्स यानी सोने को सपोर्ट कर रहे हैं। हालांकि वैश्विक स्तर पर अभी दिक्कतें काफी सारी हैं। चीन की रियल्टी कंपनी एवरग्रांडे की दिक्कत अभी तक सुलझी नहीं है। पावर शॉर्टेज की दिक्कत पूरी दुनिया में शुरू है।
अमेरिका तथा चीन के बीच कारोबार को लेकर बातें अधर में है। दुनिया भर में बढ़ते कोरोना केस और इसके नए वेरिएंट भी चिंता बढ़ा रहे हैं। इन सब वजहों से सोने की कीमतों में मामूली तेजी दिख सकती है।
सोने की कीमतें दो साल तक तेजी में रहीं
सोने की कीमतें 2019 और 2020 में 52 और 25% बढ़ी थीं। हालांकि 2021 में सोने की कीमतें स्थिर रहीं या कम भी हुईं। इस साल में सोने की कीमतें 47 से 49 हजार प्रति दस ग्राम के बीच में कारोबार करती रहीं। भारत में सोने की मांग कोरोना के बाद हालांकि तेजी से बढ़ी है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर तिमाही में गोल्ड की मांग सालाना आधार पर 47% बढ़कर 139 टन हो गई जो कि एक साल पहले 94.6 टन थी। ज्वेलरी की भी मांग में सालाना आधार पर 58% बढ़ी है। सितंबर 2021 में यह 96.2 टन रही।
हाल में सोने की मांग बढ़ी है
दरअसल गिफ्टिंग आइटम और इकोनॉमिक रीबाउंड की वजह से सोने की मांग में तेजी रही है। ETF भी हालांकि सोने को इस साल कोई सपोर्ट नहीं कर पाया। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 या 2019 की तरह इस दिवाली में या अगली दिवाली में कोई बहुत ज्यादा सोने की कीमत नहीं बढ़ेगी। अगले 12 महीने में सोने की कीमतों को लेकर रिपोर्ट में कहा गया है कि यह एक दायरे में ही रह सकती है।