नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने 2020-21 के लिए प्रोविडेंट फंड डिपाजिट पर 8.5% ब्याज दर को मंजूरी दे दी है। इससे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) को 6 करोड़ से ज्यादा मेंबर्स के खातों में ब्याज जमा करने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार के इस फैसले को एक तरह से दिवाली गिफ्ट माना जा रहा है। एक अधिकारी के अनुसार, वित्त मंत्रालय से शुक्रवार को इसकी मंजूरी मिल गई है। इसे जितनी जल्दी हो सकेगा, नोटिफाई कर दिया जाएगा।
EPFO को मेंबर्स के खाते में जमा करने से पहले श्रम मंत्रालय को सालभर के लिए ब्याज दर को नोटिफाई करना होता है। इस कदम से EPFO को पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 300 करोड़ रुपए सरप्लस आ सकता है। पिछले साल इसके पास 1000 करोड़ रुपए का सरप्लस था। श्रम मंत्री की अध्यक्षता वाले EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने इस साल मार्च में 2020-21 के लिए 8.5% की ब्याज दर को मंजूरी दी थी, जो पिछले साल जितनी थी।
वित्त मंत्रालय से लेनी होती है मंजूरी
श्रम मंत्रालय को प्रस्तावित दर पर वित्त मंत्रालय से मंजूरी लेना जरूरी होता है। श्रम मंत्रालय के अधिकारियों ने इस महीने की शुरुआत में वित्त मंत्रालय के अफसरों से मुलाकात कर उनके सवालों के समाधान के लिए कहा था। साथ ही इस प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा था।
वित्त मंत्रालय पिछले कुछ साल में EPFO की ऊंची ब्याज दर पर सवाल उठा चुका है। खासकर जब सार्वजनिक भविष्य निधि या छोटी बचत योजनाओं सहित अन्य सरकारी योजनाओं के लिए ब्याज दर काफी कम थी। EPFO ने पिछले वित्त वर्ष में लगभग 70,300 करोड़ रुपए की इनकम आंकी गई थी। इसमें उसके इक्विटी निवेश के एक हिस्से को बेचने से लगभग 4,000 करोड़ रुपए और डेट से 65,000 करोड़ रुपए शामिल थे।
सेंट्रल बोर्ड ने की थी सिफारिश
इसके आधार पर श्रम मंत्री की अध्यक्षता वाले इसके वाले सेंट्रल बोर्ड ने वित्त वर्ष 21 के लिए 8.5% की ब्याज दर की सिफारिश की थी। EPFO ने पिछले साल इस योजना की घोषणा के बाद से रिटायरमेंट फंड से कोविड के लिए बड़ी रकम निकालने के बावजूद 2020-21 के लिए PF जमा पर ब्याज दर को 2019-20 के समान ही बरकरार रखा था ।
6 करोड़ से ज्यादा मेंबर
EPFO के पास 6 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर सब्सक्राइबर बेस है। हर साल वह अपने एनुअल एक्यूरल्स का 15% इक्विटी और बाकी डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करता है। हालांकि, कोविड आने के बाद से सैलरी वाले लाखों लोगों ने नौकरी खो दी है और अपने खर्च चलाने के लिए वे PF फंड से रुपए निकाल रहे हैं। इन्हें कोविड स्कीम के तहत पैसे दिए जा रहे हैं।