नगर निगम लखनऊ : मुख्यालय से ज्यादा जोनल में अराजकता और कर्मचारियों की मनमानी


लखनऊ। नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने भले ही नगर निगम मुख्यालय में कार्रवाई कर लापता कर्मचारियों को पकड़ा हो। मगर नगर निगम से ज्यादा जोनल में अराजकता का बोलबाला है। जहां पर 11 बजे आकर कर्मचारी लंच बाद गायब हो जाते हैं। यही नहीं कर्मचारी सीधे मुंह पब्लिक से बात नहीं करते हैं। शनिवार सुबह दस बजे नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने नगर निगम मुख्यालय के सभी कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया तो ज्यादातर कर्मचारियों की सीटें खाली मिलीं। नगर आयुक्त ने सभी विभागों के उपस्थिति रजिस्टर को जब्त कर लिया। नगर आयुक्त सबसे पहले कमरा नंबर 40 पहुंचे, जो अभियंत्रण विभाग का है और कई अन्य कार्यालय है। यहां सवा दस बजे कोई भी कर्मचारी नहीं आया था और सफाई कर्मचारी झाड़ू लगा रहे थे। यहां दरवाजे के बाहर ही कूड़ा पड़ा था। इसके बाद मुख्य अभियंता कार्यालय पहुंचे तो यहां भी अधिकांश कर्मचारी नहीं आए थे। लेखा विभाग में भी सन्नाटा पड़ा और एक दो कर्मचारी के अलावा कोई नजर नहीं आया। ऐसा ही हाल स्वास्थ्य विभाग का भी था। अपने साथ चल रहे अधिकारियों को नगर आयुक्त ने उपस्थिति रजिस्टर साथ में लेकर चलने को कहा। शनिवार को निरीक्षण में करीब पचीस फीसदी कर्मचारी कम मिले हैं, जिसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अब औचक निरीक्षण कर अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी को चेक किया जाएगा। जोनल कार्यालयों में भी अधिकारियों की टीम को भेजकर ड्यूटी चेक कराई जाएगी।

ऑफ्टर लंच गायब हो जाते हैं कर्मचारी
जोनल में कई कर्मचारी सुबह उपस्थिति दर्ज कराने के बाद सीट से गायब हो जाते हैं और दोपहर के बाद उनका पता ही नहीं चलता है। चार बजे के बाद तो अधिकांश दफ्तर में सन्नाटा ही दिखता है और काम कराने आए लोगों को बैरंग वापस लौटना पड़ता है।