अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथ बीते वर्ष पांच अगस्त को रामनगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर की आधारशिला रखे जाने के बाद से यहां पर श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती जा रही है। माना जा रहा था कि अब यहां श्रीरामलला के दर्शन की अवधि को बढ़ाया जाएगा, लेकिन ऐसा नही होगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट सुरक्षा कारणों से दर्शन का समय बढ़ाने पर राजी नहीं है।
रामनगरी अयोध्या में श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ती संख्या के बाद भी रामलला के दर्शन की अवध पुरानी ही है। यहां पर सुबह सात बजे से 11 बजे तक और फिर दो बजे से छह बजे तक ही श्रीरामलला का दर्शन कराया जा रहा है। अयोध्या में भगवान श्रीरामलला के मंदिर निर्माण का काम शुरू होने के बाद यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गई है। इसके साथ ही रामनगरी में लगातार धार्मिक तथा सांस्कृतिक आयोजन के बढऩे से मंदिरों में भी काफी लोग उमडऩे लगे हैं। बीते दिन कार्तिक मेला पर एक दिन में ही 25 लाख से ज्यादा लोगों ने रामलला का दर्शन किया। इनको भी निर्धारित समय में दर्शन की अनुमति थी। रामलला के दर्शन के लिए बढ़ते श्रद्धालुओं की संख्या की वजह से इसी बीच में श्रीराम जन्मभूमि में डीजीपी मुकुल गोयल के नेतृत्व में सुरक्षा समिति की बैठक हुई। इस बैठक में श्रीरामलला के दर्शन के समय अवधि को बढ़ाने पर मंथन हुआ था। इस बैठक के बाद गहन विचार किया गया, लेकिन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट दर्शन अवधि को बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि सुरक्षा कारणों से यह संभव नहीं है। चंपत राय ने बीते दिनों हुए आतंकी घटना का हवाला देते हुए सुरक्षा कारणों से दर्शन अवधि को बढ़ाए जाने की बात को सिरे से खारिज कर दिया।
चंपत राय ने कहा कि रामलला के दर्शन अवधि को बढ़ाना तो चाहिए लेकिन पांच जुलाई 2005 को यहां के आतंकी हमले के बाद भी कई लोग पकड़े गए हैं। इसका विकल्प हमारे कोई नहीं है, इसकी पड़ताल कैसे हो। हमें सभी की कठिनाइयां समझनी है। यहां पर श्रद्धालुओं को मात्र दिन के समय ही श्रीरामलला का दर्शन मिल सकता है। श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के लोगों का मानना है कि बीते दिनों श्रीरामलला और अयोध्या के लिए तमाम साजिशें की जा चुकी है। यहां पर श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट विराजमान श्रीरामलला के साथ ही श्रद्धालुओं और स्थानों की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित है। उनका साफ कहना है कि दर्शन दिन के समय ही संभव है। कनक भवन और हनुमानगढ़ी के तर्ज पर रामलला का दर्शन रात में तो कतई संभव नहीं है। हनुमानगढ़ी और कनक भवन जैसी परिस्थिति बनना तो एकदम संभव नहीं है। यहां पर तो कोई भी खुराफाती दिमाग वाला जनता की भीड़ में दहशत पैदा करके 50-100 लोगों की जान ले लेगा और अपना गुस्सा ठंडा करने की कोशिश करेगा। ऐसी परिस्थिति में हम कोई सलाह नहीं दे सकते। यहां पर सबकी सुरक्षा बहुत आवश्यक है। सभी श्रद्धालु लोग दिन में आए और दर्शन करें।