पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) के सत्ता में आने के बाद राघव चड्ढा को सरकार की सलाहकार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। राघव चड्ढा को पंजाब की भगवंत मान सरकार की एडवाइजरी कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद जब विरोध शुरू हुआ, तो मामला कोर्ट तक पहुंच गया। पंजाब और हरियाणा कुछ न्यायालय में राघव चड्ढा की नियुक्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सोमवार को मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने सुनवाई की।
इस मामले में सुनवाई करते हुए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने भी पंजाब की AAP सरकार पर तल्ख टिप्पणी की है। राघव चड्ढा को भगवंत मान सरकार की एडवाइजरी कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि क्या ये संविधान के साथ धोखा नहीं है कि एक ऐसे व्यक्ति को ऐसी शक्तियां दे दी गईं कि वो सरकार चलाएगा। उन्होंने आगे ये भी सवाल किया कि इसकी आवश्यकता क्या थी
उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि यदि ऐसे फैसले ही लेने थे कि सरकार की सारी शक्तियां किसी एक शख्स को दे दी जाएं, तो चुनाव क्यों कराए गए। उन्होंने पंजाब सरकार के इस फैसले को लेकर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या सरकार योग्य नहीं है। उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस ने याचिका का निपटारा करते हुए पंजाब सरकार को ये निर्देश भी दिए कि वो जल्द फैसला लेकर इस संबंध में याचिकाकर्ता को जवाब दे।
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