
भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है और इस बार अष्टमी तिथि 18 अगस्त की रात 09:20 बजे से शुरू होकर 19 अगस्त 2022 को रात्रि 10:59 बजे तक रहेगी. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मध्यरात्रि में हुआ था, इसलिए जन्माष्टमी 18 अगस्त को मनाई जाएगी. जन्माष्टमी के दिन पूजा करते समय भगवान श्रीकृष्ण को उनकी प्रिय वस्तुएं अर्पित करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है. तो चलिए आपको बताते हैं कि वो कौन सी 5 वस्तुएं हैं, जिनको जन्माष्टमी की पूजा में जरूर शामिल करना चाहिए.खन और मिश्री बेहद प्रिय भगवान श्रीकृष्ण को काफी प्रिय होता है और कई पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि श्रीकृष्ण बचपन में माखन और मिश्री चुराकर खाया करते थे. इसलिए, जन्माष्टमी की पूजा में भगवान श्रीकृष्ण को माखन और मिश्री का भोग जरूर लगाएं.गवान श्रीकृष्ण को मोर पंख बहुत ही प्रिय है और उनके मुकुट में मोर पंख जरूर लगा होता है. माना जाता है कि लड्डू गोपाल को मोर पंख अर्पित करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है. ऐसी भी मान्यता है कि मोर पंख से नकरात्मकता दूर होती है और घर में इसे रखना काफी फायदेमंद होता है.न्माष्टमी के दिन पूजा में धनिया की पंजीरी का प्रसाद जरूर शामिल करें, क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण को धनिया की पंजीरी बेहद प्रिय है. मान्यता है कि धनिया का संबंध धन से होता है और भगवान कृष्ण को धनिया की पंजीरी अर्पन करने से कभी भी धन की कमी नहीं होती है.भगवान श्रीकृष्ण को हर जगह बांसुरी के साथ देखा जाता है और यह उनकी सबसे प्रिय वस्तुओं में से एक है. मान्यता के अनुसार, जन्माष्टमी की पूजा में बांसुरी रखने से लड्डू गोपाल की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
राणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण बचपन से ही गायों की सेवा करते थे और गोमाता से उनको विशेष लगाव था. इसलिए, जन्माष्टमी की पूजा में गौमाता की मूर्ति रख सकते हैं या किसी गाय को प्रसाद खिला सकते हैं.
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