सेहत पर भारी पड़ रहा वर्कआउट ,इन चीजों का रखे ध्यान

नई दिल्ली इंद्रप्रस्थ अपोलो हास्पिटल के कार्डियो थोरेसिक एवं वैस्कुलर सर्जन डा. के. के. पांडेय ने बताया कि पौष्टिक आहार का सेवन और जिम में घंटों पसीना बहाकर ही सेहतमंद नहीं रहा जा सकता है। इसके लिए हमें जीवन पद्धति का भी ख्याल रखना होगा…

बीते साल अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला की हृदयाघात से मौत, बीते माह एक चर्चित टीवी सीरियल के अभिनेता दीपेश भान की क्रिकेट खेलने के दौरान ब्रेन हैमरेज से मौत और अब सप्ताह भर पहले जिम में वर्कआउट करते समय कामेडियन राजू श्रीवास्तव को हृदयाघात।

वर्तमान में इस तरह की घटनाओं में तेजी से इजाफा हो रहा है। सेलेब्रिटीज से लेकर आम युवाओं के बीच फिट दिखने की चाह में घंटों वर्कआउट और मसल्स बनाने वाली दवाओं के सेवन का चलन बढ़ा है। इसके लिए लोग जिम में घंटों पसीना बहाना नहीं भूलते। यानी हर कोई अनुशासित जीवनशैली के महत्व को समझ रहा है तो फिर ऐसा क्या है कि इतना सब करने के बाद भी सेहत से जुड़ी इस तरह की घटनाएं हो रही हैं?स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक आहार, समय पर नींद, तनाव से दूरी और व्यायाम के लिए समय निकालना जरूरी है, लेकिन इसका फायदा तभी है, जब हर काम समय पर हो। लंच के समय ब्रेकफास्ट, सुबह बिस्तर छोड़ने के समय नींद और जब ऐसे में तनाव बढ़ता है तो दवाओं का सेवन। किसी भी समय वर्कआउट करना जैसे कारण हमें बाहर से भले ही फिट रखें पर अंदर से खोखला कर रहे हैं। व्यायाम, नींद, भोजन आदि का समय निर्धारित है। जब ये काम असमय किए जाएंगे तो शरीर के आंतरिक अंग प्रभावित होंगे और अस्वस्थ होकर वे अचानक से अपना काम करना बंद कर देंगे।सेहतमंद रहने के लिए जीवन पद्धति को दिनचर्या का अंग बनाना होगा। स्वस्थ रहना है तो प्रकृति के साथ चलना होगा। दिनचर्या सुव्यवस्थित करें और हर काम समय पर करें। जिम की जगह योग व व्यायाम करें। इससे कोलेस्ट्राल व हार्मोंस नियंत्रित रहेंगे और ऐसी घटनाओं की आशंका कम होगी

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