अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट देखी गई है। दस में से नौ स्टॉक लाल निशान पर आ गए हैं। वहीं सिर्फ एक फर्म को बढ़त मिली है। सबसे ज्यादा गिरावत अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में हुई है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। गुरुवार की शुरूआती कारोबार में ही अडानी समूह के शेयरों की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है। अडानी एंटरप्राइजेज तो 20 फीसद तक लुढ़क चुका है। बाकी फर्म का भी इसी तरह का हाल रहा।
वहीं, पिछले दो कारोबारी सत्रों यानी मंगलवार और बुधवार को अडानी समूह के ज्यादातर फर्म हरे निशान पर कारोबार कर रहे थें और कंपनियों ने संयुक्त बाजार पूंजीकरण में लगभग 70,000 करोड़ रुपये की वसूली की है। बुधवार को समूह की सात कंपनियां सकारात्मक क्षेत्र में समाप्त हुईं, जबकि तीन लाल निशान में बंद हुईं।
अडानी समूह के शयरों की स्थिति
सुबह के कारोबार में अडानी समूह की नौ फर्में नकारात्मक क्षेत्र में कारोबार कर रही थीं, जबकि एक कंपनी हरे रंग में कारोबार कर रही थी। अडानी एंटरप्राइजेज का स्टॉक 20 प्रतिशत गिरकर 1,834.90 रुपये पर आ गया, जो कि बीएसई पर इसका सबसे निचला प्राइस बैंड है। अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन 5.59 प्रतिशत गिरकर 565.95 रुपये पर आ गया। अदानी पावर के शेयर 5 प्रतिशत गिरकर 172.90 रुपये पर है।
दूसरी तरफ, अडानी ट्रांसमिशन अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी टोटल गैस में शुरुआती कारोबार में 5 फीसदी की गिरावट देखी गई। अंबुजा सीमेंट्स का शेयर 5.44 प्रतिशत गिरकर 363.45 रुपये पर, एनडीटीवी 2.09 प्रतिशत गिरकर 223 रुपये पर और एसीसी 3.62 प्रतिशत गिरकर 1,901.85 रुपये पर आ गया है।
सिर्फ एक फर्म को मिली बढ़त
अडानी समूह की कंपनियों में से सिर्फ अडानी विल्मर हरे निशान पर कारोबार कर रही है। बीएसई पर इसे 440.30 रुपये के ऊपरी प्राइस बैंड के साथ 5 प्रतिशत की बढ़त मिली है। 24 जनवरी के बाद से समूह को लगभग 45 प्रतिशत का नुकसान हुआ है।
2024 में शेयरों की रिहाई
अडानी समूह ने सोमवार को कहा था कि प्रमोटर सितंबर 2024 में मेच्योरिटी से पहले अपनी फर्मों के गिरवी शेयरों की रिहाई के लिए प्री-पेमेंट करेंगी। इसके लिए कंपनी ने 1,114 मिलियन अमरीकी डालर इकट्ठा किया है। ये शेयर अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी ट्रांसमिशन के हैं।