अनिल अंबानी के रिलायंस समूह ने वृद्धि के अगले चरण के लिए रक्षा, बिजली और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्रों पर ध्यान देने की योजना बनाई है। समूह ने रविवार को यह जानकारी दी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित धन शोधन और सार्वजनिक धन की हेराफेरी की जांच के तहत समूह से जुड़े स्थानों पर तलाशी पूरी कर ली है। इसके बाद अनिल अंबानी के रिलायंस समूह दो सूचीबद्ध कंपनियों – रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के 100 से अधिक शीर्ष अधिकारियों ने रविवार को मुंबई में बैठक की और समूह के महत्वाकांक्षी वृद्धि मसौदे के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
समूह ने एक प्रेस बयान में कहा, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के निदेशक मंडल द्वारा एक सप्ताह पहले रक्षा, एयरोस्पेस और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में वृद्धि के लिए इक्विटी और ऋण के जरिये 18,000 करोड़ रुपये जुटाने की सर्वसम्मति से मंजूरी देने के बाद इस बैठक में उद्देश्य की एकता, नए जोश और हितधारकों के लिए दीर्घकालिक मूल्य प्रदान करने के साझा संकल्प को दोहराया गया।
इससे पहले दिन में अलग-अलग बयानों में दोनों सूचीबद्ध कंपनियों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई समाप्त हो गई है और कंपनी तथा उसके अधिकारियों ने प्राधिकरण के साथ पूरा सहयोग किया है।
बयान में कहा गया, प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई का कंपनी के व्यावसायिक संचालन, वित्तीय प्रदर्शन, शेयरधारकों, कर्मचारियों या किसी अन्य हितधारक पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
समूह ने नेतृत्व बैठक पर जारी बयान में कहा कि उसकी दो सूचीबद्ध कंपनियां – रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर – लगभग ऋण मुक्त हैं, उनकी कुल संपत्ति क्रमशः 14,883 करोड़ रुपये और 16,431 करोड़ रुपये है, और उनके 50 लाख सार्वजनिक शेयरधारक हैं। नेतृत्व बैठक में समूह की भविष्य की रणनीति को आगे बढ़ाने वाले उच्च वृद्धिशील क्षेत्रों पर प्रकाश डाला गया।
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