अपर्णा रमेश को आईएएस भी बनना था लेकिन नौकरी भी नहीं छोड़नी थी इसलिए उन्होंने अपनाया टाइम मैनेजमेंट को..

कर्नाटक की रहने वाली अपर्णा रमेश को आईएएस भी बनना था लेकिन नौकरी भी नहीं छोड़नी थी इसलिए उन्होंने टाइम मैनेजमेंट को अपनाया। उन्होंने 8 घंटे की नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई भी की। पढ़ाई के बाद वह पूरा दिन ऑफिस का काम भी करती थी।

सिविल सेवा परीक्षा देने का ख्याल हर किसी के जेहन में एक बार आता ही है, चाहे फिर वो एक छात्र हो या नौकरीपेशा युवा।

कहते है कि सिविल सेवा की परीक्षा पास करना बेहद कठिन होता है और इसलिए इसकी तैयारी के लिए उम्मीदवार को 24 घंटे पढ़ाई करनी होती है। लेकिन अर्पणा रमेश ने इस भ्रम को तोड़ दिया है। उन्होंने बिना नौकरी छोड़े कड़ी मेहनत से तैयारी की और सिविल सेवा परीक्षा में 35 रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बन गईं।

कौन है अर्पणा रमेश?

कर्नाटक की रहने वाली अपर्णा रमेश ने साइंस सबजेक्ट से पढ़ाई की है। वह एक आर्किटेक्ट कम अर्बन प्लानर थी, जो शहर की प्लानिंग को लेकर काम करती थी। आर्किटेक्ट के तौर पर काम करते समय अपर्णा को अहसास हुआ कि एक आईएएस अधिकारी के पास काफी शक्तियां होती है, जिसके इस्तेमाल से वह समाज में बदलाव ला सकती है। ऐसे में उन्होंने ठान लिया कि वह आईएएस अधिकारी बनेंगी।

नौकरी के साथ-साथ की पढ़ाई

अपर्णा को आईएएस भी बनना था लेकिन नौकरी भी नहीं छोड़नी थी, इसलिए उन्होंने टाइम मैनेजमेंट को अपनाया। उन्होंने 8 घंटे की नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई भी की। वर्क फ्रॉम होम में वह सुबह 4 बजे से लेकर 7 से 8 बजे तक पढ़ती थी। पढ़ाई के बाद वह पूरा दिन ऑफिस का काम भी करती थी। उन्होंने टाइम मैनेजमेंट के साथ अपनी तैयारी की।

पहले प्रयास में हो गई थी फेल

कड़ी मेहनत के साथ तैयारी करने के बाद अपर्णा ने सिविल सेवा परीक्षा दी, लेकिन वह फेल हो गई। उनका प्रिलिम्स का एग्जाम नहीं निकल सका। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और फिर से दूसरे प्रयास की परीक्षा के लिए तैयारी में जुट गई।

दूसरे प्रयास में आया 35वां रैक

अपर्णा को पता था कि वह अगर कड़ी मेहनत करेंगी तो उन्हें सफलता जरूर हासिल होगी और ऐसा ही हुआ। उन्होंने दूसरे प्रयास के लिए पूरी मेहनत की और प्रिलिम्स, मेंस व इंटरव्यू को पास कर लिया। देशभर में उनका रैंक 35 था।

इस परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने एनसीईआरटी की किताबें पढ़ी थी और पॉलिटी के लिए उन्होंने लक्ष्मीकांत की इंडियन पॉलिटी किताब का अध्य्यन किया था। अपर्णा की सफलता बताती है कि अगर आईएस बनने का सपना देखते है तो उसके लिए नौकरी छोड़ने की जरूरत नहीं होती, बल्कि पूरे टाइम मैनेजमेंट के साथ फोकस होकर पढ़ाई करें तो सफलता हासिल जरूर होती है।

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