डिफेंस इनोवेशन यूनिट और इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस ने पहली दो इंडस-एक्स संयुक्त चुनौतियों के विजेताओं की घोषणा की। इसमें कंपनियां दोनों देशों के लिए सैन्य समस्याओं को हल करने वाली प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए प्रतिस्पर्धा करती हैं।
अमेरिका और भारत अपने संबंधों को और मजबूत करने के लिए लगातार चर्चा कर रहा है। इसी दिशा में, रक्षा मंत्रालय और अमेरिकी रक्षा विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित दूसरे भारत-अमेरिका रक्षा एसिलेरेशन इकोसिस्टम (INDUS-X) शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इस दौरान एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए सैन्य अंतर-क्षमता बढ़ाने पर चर्चा की।
इसके अलावा, बुधवार को वक्ताओं ने उन्नत सैन्य क्षमताओं का सह-उत्पादन करने और लचीली रक्षा आपूर्ति श्रृंखला बनाने के अवसरों की खोज की।
एक हाइब्रिड सूचना सत्र भी हुआ
अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा, ‘पैनल प्रतिभागियों ने INDUS-X सहयोग एजेंडे से प्रेरित कई विषयों पर विस्तार किया, जैसे- रक्षा औद्योगिक साझेदारी को गहरा करना, सहयोगी अनुसंधान और परीक्षण सुविधा पहुंच को बढ़ाना, महत्वपूर्ण रक्षा प्रौद्योगिकियों का समर्थन करने के लिए निजी पूंजी जुटाना और दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकियों का व्यवसायीकरण। सरकारों ने अमेरिकी और भारतीय रक्षा स्टार्ट-अप के लिए निर्यात नियंत्रण पर एक हाइब्रिड सूचना सत्र का भी नेतृत्व किया, जिसका उद्देश्य साझेदारी और सह-विकास प्रौद्योगिकी करना है।’
इन लोगों ने जीती प्रतियोगिता
शिखर सम्मेलन में संयुक्त चुनौतियों सहित INDUS-X के तहत प्राथमिकता वाले प्रयासों पर घोषणाएं शामिल थीं। डिफेंस इनोवेशन यूनिट (डीआईयू) और इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (आईडीईएक्स) ने पहली दो इंडस-एक्स संयुक्त चुनौतियों के विजेताओं की घोषणा की, जिसमें कंपनियां दोनों देशों के रक्षा मंत्रालयों के लिए सैन्य समस्याओं को हल करने वाली प्रौद्योगिकियों को विकसित करने के लिए प्रतिस्पर्धा करती हैं। इसके अलावा, प्रतिस्पर्धा में 10 अमेरिकी और भारतीय कंपनियों ने 10 लाख डॉलर से अधिक जीते। इन लोगों ने समुद्र के नीचे संचार और समुद्री खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) से संबंधित प्रौद्योगिकियों को विकसित किया था।
वहीं, शिखर सम्मेलन में डीआईयू और आईडीईएक्स ने यह भी घोषणा की कि वे आने वाले महीनों में अंतरिक्ष-आधारित आईएसआर पर केंद्रित दो संयुक्त चुनौतियों के लिए आवेदन खोलेंगे। इसके साथ ही अमेरिकी कंपनियों, विश्वविद्यालयों और गैर-लाभकारी संगठनों ने परीक्षण सुविधा पहुंच के विस्तार के लिए प्रतिबद्ध एक नए संघ का एलान किया।