सीबीआइ ने चेन्नई में एक आयकर अधिकारी और एक चार्टर्ड अकाउंटेंट को 2.25 लाख की रिश्वत मामले में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया है। सीपीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता संजय चिंचघारे, सहायक मूल्यांकन अधिकारी डी. मंजुनाथन और चार्टर्ड अकाउंटेंट सतगुरुदास और संपत्ति मालिक सुरेश के विरुद्ध एफआइआर दर्ज होने के बाद सीबीआइ ने यह कार्रवाई की है। चिंचघारे चेन्नई आयकर मूल्यांकन सेल में जिला मूल्यांकन अधिकारी के रूप में भी पदस्थ थे।
सीबीआई ने आरोपी के खिलाफ पंजीकृत किया मामला
अधिकारी ने बताया कि सीबीआइ ने आरोपित के विरुद्ध मामला पंजीकृत किया है। आरोप है कि सुरेश ने अपने आयकर रिटर्न में एक ऊंची कीमत वाली संपत्ति की घोषणा की थी। इस घोषणा को नेशनल फेसलेस एसेसमेंट सेंटर नई दिल्ली ने आयकर मूल्यांकन सेल को भेजा था। मंजुनाथन ने संपत्ति का निरीक्षण किया और संपत्ति के मूल्य में अंतर को रेखांकित किया।
3.50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी रिश्वत
आरोप है कि आयकर मूल्यांकन सेल ने संपत्ति के मालिक सुरेश से 3.50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। उसने अपने आडिटर सीए सतगुरुदास के माध्यम से राशि भेज दी थी। रिश्वत की सूचना मिलने पर सीबीआइ ने मंजुनाथन और सतगुरुदास को लेन-देन करते समय पकड़ लिया। इसके बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया।
सीबीआई ने रिश्वत देने के दौरान किया गिरफ्तार
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि मूल्यांकन को अंतिम रूप देने में सक्षम प्राधिकारी चिंचघरे थे जो अधीक्षण अभियंता (योजना), सीपीडब्ल्यूडी, चेन्नई में तैनात थे और जो जिला मूल्यांकन अधिकारी (डीवीओ), आयकर मूल्यांकन प्रकोष्ठ, चेन्नई का प्रभार भी संभाल रहे थे। उन्होंने कहा कि यह भी आरोप लगाया गया था कि आयकर मूल्यांकन प्रकोष्ठ के अधिकारियों ने संपत्ति के मालिक सुरेश से उसका पक्ष मजबूत करने के लिए 3.50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसने उक्त रकम एवीओ को देने के लिए अपने सीए सतगुरुदास को भेजा था। उन्होंने बताया कि रिश्वत के कथित लेन-देन के बारे में जानकारी के बाद सीबीआई ने रिश्वत देने के दौरान मंजूनाथन और सतगुरुदास को गिरफ्तार किया।