केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने हाल में डिस्कॉम की इंटिग्रेटेड रेटिंग जारी की थी। उत्तराखंड का ऊर्जा निगम इस बार इसमें पिछड़ गया है। पिछले साल देश की 51 ऊर्जा वितरण कंपनियों में यूपीसीएल को ए-ग्रेड के साथ 12वां स्थान मिला था।
1201 करोड़ बकाया, लाइन हानियां बढ़ने की वजह से ऊर्जा निगम राष्ट्रीय स्तर पर रेटिंग में पिछड़ गया है। यूपीसीएल की रेटिंग पहली बार 12वें स्थान से खिसककर 30वें पर पहुंच गई है। वहीं, निगम को पहली बार बी-माइनस ग्रेड मिला है।
यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार का कहना है कि यह पैसा मिलते ही निश्चित तौर पर अगले साल रेटिंग सुधर जाएगी। केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने हाल में डिस्कॉम की इंटिग्रेटेड रेटिंग जारी की थी। उत्तराखंड का ऊर्जा निगम इस बार इसमें पिछड़ गया है। पिछले साल देश की 51 ऊर्जा वितरण कंपनियों में यूपीसीएल को ए-ग्रेड के साथ 12वां स्थान मिला था।
इस बार जारी रेटिंग में यूपीसीएल बी-माइनस ग्रेड के साथ देश की 53 विद्युत वितरण कंपनियों में 30वें पायदान पर पहुंच गया है। इस गिरावट के पीछे दो मुख्य वजह रिपोर्ट में सामने आई हैं। एक तो लाइन हानियां पिछले साल के 14.1 प्रतिशत से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023 में 15.3 प्रतिशत पर पहुंच गई हैं। दूसरा, एसीएस-एआरआर गैप पिछले साल के -0.49 से बढ़कर 0.74 प्रतिशत चला गया है।
8843 करोड़ राजस्व प्राप्ति
इस गैप का मुख्य कारण ये है कि यूपीसीएल ने सालभर बाजार से महंगी बिजली खरीदी, जिसकी भरपाई का 1201 करोड़ रुपये सरकार या उपभोक्ताओं से मिलने थे। जो नहीं मिल पाए। हालांकि, ओवरऑल देखें तो यूपीसीएल ने कुल 1656 करोड़ यूनिट बिजली खरीदी और 1383 करोड़ यूनिट बिजली बेची। 8843 करोड़ राजस्व प्राप्ति की।
टैक्स जमा कराने के बाद यूपीसीएल को 1224 करोड़ का नुकसान हुआ है, जिसमें से 1201 करोड़ की वसूली होनी बाकी है। 12वें संस्करण में 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बिजली विभागों को इंटीग्रेटेड परफॉर्मेंस रेटिंग भी दी गई है। इनमें केरल का त्रिशूर कॉर्पोरेशन बिजली विभाग (टीसीईडी) ए-रेटिंग के साथ शीर्ष पर उभरा है।
इसके बाद बी रेटिंग के साथ नई दिल्ली नगरपालिका परिषद का बिजली विभाग दूसरे, पुडुचेरी तीसरे, गोवा चौथे और नागालैंड पांचवें स्थान पर है। कुल मिलाकर प्रदर्शन रेटिंग में शामिल 11 बिजली विभागों में से किसी भी बिजली विभाग को न तो ए-प्लस की उच्चतम रेटिंग लाया और न ही डी स्तर की सबसे डाउन रेटिंग।
वित्तीय स्थायित्व में गिरे अंक
बेस रेटिंग के मानकों में यूपीसीएल को 100 में से 49.9 अंक मिले हैं, जबकि इंटिग्रेटेड स्कोर 100 में से 46.7 अंक का रहा है। फाइनेंशियल सस्टेनेबिलिटी में यूपीसीएल को 75 में से 32.9 अंक मिले हैं। परफॉर्मेंस एक्सीलेंस में 13 में से 8.4, एक्ट्रनल एनवायरमेंट में 12 में से 8.6 अंक हासिल किए हैं।
पिछले चार वर्षों में यूपीसीएल की रेटिंग
वर्ष रैंक ग्रेड
2021 बी प्लस
2022 17 बी
2023 12 ए
2024 30 बी माइनस
एसीएस-एआरआर गैप की वजह से हमारी रेटिंग में कमी आई है। 1201 करोड़ रुपये की वसूली होने के बाद अगले साल रेटिंग बढ़ जाएगी। हम सभी पहलुओं पर सकारात्मक दिशा में काम कर रहे हैं। -अनिल कुमार, एमडी, यूपीसीएल