उत्तर प्रदेश में डेंगू तेजी से फैल रहा है। कानपुर बरेली अलीगढ़ फतेहपुर लखनऊ आदि जिलों में हर रोज डेंगू के सैकड़ो मरीज सामने आ रहे हैं। ऐसे में नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने सूक्ष्म कार्ययोजना बनाकर डेंगू पर नियंत्रण करने के निर्देश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश में डेंगू तेजी से पैर पसार रहा है। कानपुर, बरेली, अलीगढ़, फतेहपुर, लखनऊ के ग्रामीण इलाकों में तेजी से डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। तेज बुखर के चलते मरीजों की मौत भी हो रही है। डेंगू पर नियंत्रण करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को फील्ड पर जाने के निर्देश दिए हैं।
कोविड जैसी हो मानीटरिंग की व्यवस्था
- नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने डेंगू के लगातार बढ़ते मामलों को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को सूक्ष्म कार्ययोजना बनाकर डेंगू व मलेरिया से निपटने की नसीहत दी है।
- वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उन्होंने सभी नगर निकायों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मुख्यालय स्तर पर डेडिकेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर स्थापित करें।
- स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर डेंगू, मलेरिया के मरीजों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाएं। जरूरत पड़ने पर गंभीर मरीजों को स्वयं अस्पतालों में भर्ती कराएं।
- एके शर्मा ने कहा कि मानीटरिंग की व्यवस्था कोविड जैसी होनी चाहिए। उन्होंने डेंगू, मलेरिया के फैलाव को रोकने के लिए लगातार फागिंग करने और एंटी लार्वा का छिड़काव करने का निर्देश दिया।
- जलभराव वाले स्थानों एवं नाले नालियों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने को कहा। टोल फ्री नंबर 1533 की व्यवस्था को पूर्ण रूप से संचालित करने तथा डोर टू डोर नियमित कूड़ा उठा उठाने पर जोर दिया।
डेंगू से युद्ध स्तर पर निपटने के निर्देश
नगर विकास मंत्री ने प्रयागराज, अयोध्या एवं गोरखपुर में परिस्थितियों को नियंत्रित करने की जवाबदेही स्थानीय निकाय निदेशक नेहा शर्मा को सौंपी। अलीगढ़, कानपुर व लखनऊ के नगर आयुक्तों को सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के साथ वर्तमान परिस्थितियों से युद्ध स्तर पर निपटने को कहा। अयोध्या, प्रयागराज, मथुरा, वृंदावन, वाराणसी, तथा चित्रकूट व अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों पर डेंगू के रोगियों एवं इसके फैलाव पर विशेष सावधानी बरतने का निर्देश दिया। क्योंकि यहां पर तीर्थ यात्रियों का एवं बाहरी लोगों का आना-जाना अधिक होता है। समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष के अपेक्षा इस वर्ष डेंगू के कम मामले आएं हैं। वर्चुअल संवाद में सभी निकाय अधिकारियों ने भाग लिया।