उत्तर प्रदेश में सिर्फ एक ही जिले से निकलेगी ,भारत जोड़ो यात्रा

लोकसभा सदस्य देने वाले उत्तर प्रदेश में सिर्फ चार दिन की भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस का भला नहीं होने वाला है। उत्तर प्रदेश में कभी दबदबा बनाने वाली कांग्रेस अब सिर्फ रायबरेली तक ही सिमट गई है।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी  की राष्ट्रीय महासचिव तथा उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा  प्रदेश में हाशिए पर चली गई कांग्रेस  को फिर से खड़ा करने के अभियान में लगी हैं। विधानसभा चुनाव 2022 (UP में उत्तर प्रदेश में 403 प्रत्याशी उतारने वाली प्रियंका के अभियान को अपने ही झटका दे रहे हैं।

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इन दिनों भारत जोड़ा यात्रा पर हैं, वह देश के अन्य राज्यों में कम से कम सात दिन तक संपर्क कर रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में सिर्फ चार दिन में ही भारत जोड़ो यात्रा को समाप्त कर देंगे। कांग्रेस बेशक महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक असमानता जैसे मुद्दों को लेकर भारत जोड़ो यात्रा पर निकली हो लेकिन यह साफ है कि उसका लक्ष्य 2024 में होने वाला लोक सभा चुनाव है।

रायबरेली भी हाथ से निकलने का खतरा

पुराने कांग्रेसी केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी के उत्तर प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा के कार्यक्रम से काफी निराश हैं। उनका मानना है कि 80 लोकसभा सदस्य देने वाले उत्तर प्रदेश में सिर्फ चार दिन की भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस का भला नहीं होने वाला है। उत्तर प्रदेश में कभी दबदबा बनाने वाली कांग्रेस अब सिर्फ रायबरेली तक ही सिमट गई है। अमेठी को गंवाएं उनको लगभग पांच वर्ष होने वाले हैं। अब तो लग रहा है कि रायबरेली भी चला जाएगा।

उत्तर प्रदेश में सिर्फ बुलंदशहर से गुजरेगी भारत जोड़ो यात्रा

कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा का जो रोडमैप घोषित किया है, उसके मुताबिक यह यात्रा उस उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से सिर्फ एक बुलंदशहर से होकर गुजरेगी जिसकी सियासी ताकत का अहसास इस कथन से ही लगाया जाता रहा है कि दिल्ली का रास्ता यूपी से ही होकर गुजरता है। कुल 3570 किलोमीटर की यात्रा उत्तर प्रदेश में बमुश्किल 100-110 किलोमीटर का फासला करीब चार दिनों में तय करेगी।

राहुल गांधी के निर्णय से कांग्रेसी हैरान

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के तहत 20 लोकसभा सीटों वाले केरल में 18 दिन रहेंगे तो 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में सिर्फ चार दिन। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता से लेकर कार्यकर्ता भारत जोड़ो यात्रा के रोडमैप को लेकर परेशान है।

उनका एक ही सवाल है कि उत्तर प्रदेश को लेकर प्रियंका जी काफी मेहनत कर रही हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के भविष्य को लेकर वह जी-जान से जुटी हैं, लेकिन देश की राजनीति की दशा-दिशा तय करने वाले गृह राज्य उत्तर प्रदेश से आखिर राहुल गांधी ने कदम क्यों खींच लिए हैं।

सोनिया गांधी प्रदेश से पार्टी की एकमात्र सांसद

राहुल गांधी के पिछला लोक सभा चुनाव अमेठी से हारने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी प्रदेश से पार्टी की एकमात्र सांसद हैं। रायबरेली सीट पर सोनिया से मुकाबले को न सपा ने और न ही बसपा ने प्रत्याशी उतारा था। हाल के विधान सभा चुनाव में भी कांग्रेस सिर्फ दो सीट और ढाई प्रतिशत वोट पर सिमट गई। जिस उप्र में कांग्रेस अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही हो, वहां भारत जोड़ो को एक संकुचित दायरे में सीमित कर देने को पार्टी के नेता रणनीतिक चूक और राजनीतिक अदूरदर्शिता मान रहे हैं।

पोल भी खुलने का डर

कांग्रेस के कई नेता और कार्यकर्ता तो मान रहे हैं कि उत्तर प्रदेश की अनदेखी करने से तो यही संदेश निकलता है कि पार्टी का अब उत्तर प्रदेश पर फोकस नहीं है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र मानते हैं कि अच्छा होता यात्रा को उत्तर प्रदेश प्र में और विस्तार मिलता। यात्रा को लेकर हम लोगों की राय नहीं ली गई।

दबी जुबान से पार्टी के कुछ नेताओं का यह भी कहना है कि भारत जोड़ो यात्रा को उप्र में सिर्फ एक जिले तक सीमित रखना रणनीतिक चूक नहीं, बल्कि सोची-समझी रणनीति है। उप्र में कांग्रेस का अब कुछ बचा तो है नहीं, इसलिए यात्रा को जान-बूझकर उप्र में विस्तार नहीं दिया गया कि कहीं पोल न खुल जाए।

प्रमोद कृष्णम की मांग- अयोध्या, काशी, मथुरा से भी गुजरे भारत जोड़ो यात्रा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद आचार्य प्रमोद कृष्णम कहते हैं कि उत्तर प्रदेश न सिर्फ बड़ा राज्य है बल्कि यह गंगा-जमुनी तहजीब का केंद्र है। मैं तो चाहूंगा कि भारत जोड़ो यात्रा अयोध्या, काशी, मथुरा और देवा शरीफ जैसे स्थानों से भी गुजरे। सिर्फ मैं नहीं, कांग्रेस के बहुत सारे कार्यकर्ता चाहते हैं कि भारत जोड़ो यात्रा का प्रदेश में विस्तार होना चाहिए। 

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