रुद्रपुर। जेएलएन जिला चिकित्सालय के लिए चयनित भूमि का प्रस्ताव पिछले डेढ़ साल से शासन में धूल फांक रहा है। इस वजह से अभी तक जिला चिकित्सालय के 200 बेड के अस्पताल का निर्माण नहीं हो पा रहा है। वर्तमान जिला चिकित्सालय का भवन मेडिकल कॉलेज के अधीन है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार वर्तमान में चल रहे जिला चिकित्सालय की भूमि साल 2006 में मेडिकल कॉलेज के नाम पर स्थानांतरित हो गई थी। जिला चिकित्सालय दूसरी जगह बनना है। इसके लिए जिले में 200 बेड के जिला चिकित्सालय का निर्माण प्रस्तावित भी है। जिला प्रशासन की ओर से पुराने जवाहर लाल नेहरू जिला चिकित्सालय परिसर में ही 200 बेड का अस्पताल बनाने के लिए भूमि का चयन कर प्रस्ताव शासन को भेजा था। 14 दिसंबर 2022 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में व्यय समिति की बैठक हुई जिसमें वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति के लिए योजना रखी गई लेकिन मुख्य सचिव ने 200 बेड के अस्पताल के लिए नए स्थल को चयनित करने के निर्देश दिए थे।
इस पर जिला प्रशासन की ओर से ग्राम फाजलपुर महरौला में एएन झा इंटर काॅलेज के नाम दर्ज आठ एकड़ भूमि, ग्राम भूरारानी में मंडी परिषद के नाम अंकित आठ एकड़ भूमि एवं ग्राम बिगवाड़ा में उद्योग विभाग की 6.776 हेक्टेयर भूमि को चयनित किया गया। दिसंबर 2022 को तत्कालीन डीएम ने तीनों स्थलों पर चयनित भूमि का प्रस्ताव बनाकर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के सचिव को भेजा था। उन्होेंने चयनित तीनों स्थलों में से उद्योग विभाग की भूमि को उचित बताया था। ये भूमि एनएच किनारे स्थित है। तत्कालीन डीएम ने चयनित भूमि का प्रस्ताव तो शासन में भेज दिया लेकिन अब तक चयनित भूमि के प्रस्ताव पर शासन की मोहर नहीं लगी है। इस कारण 200 बेड के जिला चिकित्सालय का निर्माण नहीं हो पाया। इससे अब जिला चिकित्सालय की ओपीडी मेडिकल कॉलेज के नए भवनों में संचालित हो रही है।
200 बेड का जिला चिकित्सालय बनना है। जिला प्रशासन की ओर से जिला चिकित्सालय भवन के लिए तीन स्थानों पर जमीन को चयनित किया गया था। तत्कालीन डीएम ने इसका प्रस्ताव भी डेढ़ साल पहले शासन को प्रस्ताव भेजा दिया था। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद जिला चिकित्सालय के निर्माण की पहल शुरू होगी। -डॉ. राजेश आर्या, एसीएमओ रुद्रपुर।