खटीमा। दोहरे हत्याकांड के खुलासे में 23 दिनों से जूझ रही तीन जिलों की पुलिस को शनिवार को सफलता मिली। खुलासे में सबसे अधिक मददगार श्रीहरिगिरि महाराज का वाईफाई डोंगल साबित हुआ। भारामल क्षेत्र में नेटवर्क की दिक्कत होने के कारण वह डोंगल को अपने पास रखते थे। हत्याकांड के बाद बदमाश लूटे हुए सामान के साथ डोंगल को भी समेटकर ले गए। हालांकि बाद में उसे बेकार समझकर जंगल में ही फेंक गए। सर्विलांस टीम को जांच के दौरान अचानक जंगल में डोंगल से नेटवर्क मिला। इसी डोंगल की मदद से पुलिस आरोपियों तक पहुंची।
चार जनवरी को भारामल मंदिर में श्रीहरिगिरि महाराज और सेवादार रूप सिंह बिष्ट की हत्या के बाद खुलासे में जुटी पुलिस को यह पूरी तरह ब्लाइंड केस लग रहा था। ऊधमसिंह नगर के अलावा नैनीताल और चंपावत की पुलिस टीमों ने 1200 लोगाें से पूछताछ के साथ ही 1500 सीसीटीवी के फुटेज जांचे। इसके अलावा एक हजार से अधिक आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों का सत्यापन भी किया। इसके साथ ही एसआईटी समेत 15 टीमों ने मध्य यूपी में कई स्थानों पर दबिश दी लेकिन खुलासे में अधिक मदद नहीं मिली।
एसएसपी बोले-इतने बड़े ब्लाइंड केस का पहली बार किया खुलासा
एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने कहा कि अपने पूरे कॅरिअर में उन्होंने इतने बड़े ब्लाइंड का केस का कभी खुलासा नहीं किया। इसके लिए उन्होंने सर्विलांस टीम के सिपाही अनिल गिरि और भानुप्रताप ओली की सराहना की, जिन्होंने डोंगल की मदद से आरोपियों तक पहुंचने में मदद की। सर्विलांस टीम को घटना के दिन कुछ संदिग्धों के मोबाइल नंबरों की संदिग्ध गतिविधि दिखाई दी। इसके बाद उक्त नंबरों का सत्यापन किया गया।
हत्याकांड के अगले दिन खटीमा में ही थे आरोपी
खटीमा। श्रीहरिगिरि महाराज और सेवादार की हत्या के अगले दिन तीनों आरोपी रामपाल (62), कालीचरण (52) और पवन कुमार (34) खटीमा में ही थे। चूंकि कालीचरण पूर्व में भारामल मंदिर का सेवादार रह चुका था। इसलिए उसे पीलीभीत और खटीमा के सभी रास्ते मालूम होने के कारण वह आसानी भाग गए। पुलिस के मुताबिक, हिस्ट्रीशीटर पवन पर लूट, चोरी व एनडीपीएस के पीलीभीत में करीब छह केस दर्ज हैं। वर्तमान में वह कालीचरण के साथ मजदूरी करने लगा था। इस कारण दोनों की जान0पहचान हो गई थी।
अगले सप्ताह भारामल मंदिर में होगा भंडारा
खटीमा। दोहरे हत्याकांड का खुलासा होने का पता चलने पर विभिन्न संगठनों के लोगों के साथ ही आसपास के लोग भी बड़ी संख्या में पहुंचे। इसको देखते हुए पुलिस ने तीनों आरोपियों को कड़ी सुरक्षा में रखा। एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने कहा कि भारामल मंदिर में क्षेत्र की जनता की असीम आस्था है। महंत श्री हरिगिरि महाराज के हत्यारों के पकड़े जाने पर क्षेत्र की जनता खुश है। एसएसपी ने कहा कि अगले सप्ताह भारामल मंदिर परिसर में लंगर का आयोजन किया जाएगा।
डीजीपी, डीआईजी और एसएसपी ने की इनाम देने की घोषणा
खटीमा। खुलासे में शामिल पुलिस टीमों को डीआईजी की ओर से पांच हजार और एसएसपी की ओर से ढाई हजार रुपये देने की घोषणा की गई। इसके अलावा डीजीपी ने टीम को पुरस्कार देने की घोषणा की है।
साधु-संतों ने पुलिस टीमों को किया सम्मानित
खटीमा। खुलासे में शामिल पुलिस टीमों को साधु-संतों ने सम्मानित किया। श्रीमहंत समुद्र गिरि महाराज, रणधीर गिरि महाराज और वासुदेव नंद गिरि ने एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी, एसपी सिटी मनोज कत्याल, एसपी क्राइम चंद्रशेखर खोड़के समेत पूरी टीम को फूलों की माला पहनाकर और शाॅल ओढ़ाकर सम्मानित किया। कुमाऊं सांस्कृतिक उत्थान मंच के पदाधिकारियों ने एसएसपी को स्मृति चिह्न भेंट किया। वहां टीएस खाती, भुवन भट्ट, किशन सिंह किन्ना, जेएस बसेड़ा आदि थे। हिंदू जागरण मंच ने खुलासे के पुलिस का आभार व्यक्त किया।