देश के 48 वें मुख्य न्यायाधीश एन वी रमणा की विदाई पर वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे काफी भावुक हो गए और फूट-फूट कर रो पड़े। दवे ने एन वी रमणा को अलविदा कहते हुए कहा कि उन्होंने न्यायपालिका कार्यपालिका और संसद के बीच नियंत्रण और संतुलन बनाए रखा।
देश के 48 वें मुख्य न्यायाधीश एन वी रमणा शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। CJI की विदाई पर वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे
काफी भावुक हो गए और फूट-फूट कर रो पड़े। दवे ने एन वी रमणा को अलविदा कहते हुए कहा कि उन्होंने न्यायपालिका, कार्यपालिका और संसद के बीच नियंत्रण और संतुलन बनाए रखा। दवे ने CJI रमणा को नागरिक न्यायाधीश बताया। साथ ही वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि रमणा को अशांत माहौल में भी संतुलन बनाए रखने के लिए याद किया जाएगा।
रमणा ने अधिकारों और संविधान को रखा बरकरार
अधिवक्ता दवे ने CJI की विदाई भाषण में कहा, ‘मैं इस देश के नागरिकों की ओर से कहता हूं। आप उनके लिए खड़े हुए। आपने उनके अधिकारों और संविधान को बरकरार रखा। जब आपने पदभार संभाला, तो मुझे संदेह था कि अदालत ने क्या किया। लेकिन मुझे कहना होगा, आपने हमारी अपेक्षाओं को पूरा किया। आपने न्यायपालिका, कार्यपालिका और संसद के बीच नियंत्रण और संतुलन बनाए रखा। आपने रीढ़ की तरह काम किया।’
संतुलन बनाने के लिए याद किए जाएंगे रमणा
कपिल सिब्बल ने कहा कि रमणा ने जजों के परिवार का भी ख्याल रखा। उन्होंने कहा, ‘जब समुद्र शांत होगा, तो जहाज चल देगा। हम बहुत ही अशांत समय से गुजर रहे हैं। जहाज के लिए चलना मुश्किल है।’ सिब्बल ने कहा कि अशांत समय में भी संतुलन बनाए रखने के लिए यह अदालत आपको याद रखेगी। आपने यह सुनिश्चित किया है कि इस न्यायालय की गरिमा और अखंडता बनी रहे। अदालत में सरकार को भी जवाब देने के लिए बुलाया गया
रमणा ने 24 अप्रैल 2021 को ली थी शपथ
बता दें कि CJI रमणा ने पिछले साल 24 अप्रैल को देश के 48 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी। वह 16 महीने से अधिक के कार्यकाल के बाद आज पद से सेवानिवृत हो रहे हैं। रमणा ने न्यायाधीश बोबडे की जगह ली थी, जो 23 अप्रैल, 2021 को सेवानिवृत्त हुए थे। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस रमणा ने अपने कार्यकाल में कई अहम मामलों की सुनवाई की और उनके फैसले लिए।