एम करुणानिधि ने लोकतंत्र को अपनी सरकार से ऊपर रखकर इसका विरोध किया जिसके कारण उनकी सरकार गिर गई..

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनकी पार्टी DMK से आपातकाल का विरोध नहीं करने का अनुरोध किया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री दिवंगत एम करुणानिधि ने लोकतंत्र को अपनी सरकार से ऊपर रखकर इसका विरोध किया जिसके कारण उनकी सरकार गिर गई।

 तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनकी पार्टी द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (DMK) से आपातकाल का विरोध नहीं करने का अनुरोध किया था । हालांकि तत्कालीन मुख्यमंत्री दिवंगत एम करुणानिधि ने लोकतंत्र को अपनी सरकार से ऊपर रखकर इसका विरोध किया जिसके कारण उनकी सरकार गिर गई। स्टालिन ने कहा कि प्रधानमंत्री ने करुणानिधि को यह संदेश देने के लिए अपने दूत भेजे थे।

जनसभा के दौरान 4,000 से अधिक लोग द्रमुक में हुए शामिल

स्टालिन ने यहां विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि दूत ने इंदिरा गांधी के संदेश को करुणानिधि को बताया, जिसमें कहा गया था कि उन्हें 1975 में लागू आपातकाल का विरोध नहीं करना चाहिए और यदि उन्होंने इस अनुरोध पर ध्यान नहीं दिया तो द्रमुक सरकार को बर्खास्त किया जा सकता है। मालूम हो कि स्टालिन की इस जनसभा के दौरान अन्नाद्रमुक और डीएमडीके सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के 4,000 से अधिक लोग द्रमुक में शामिल हुए।

खुद को एक संकट से बचाने के लिए देश में लगाया आपातकाल

इस दौरान उन्होंने कहा कि गांधी ने खुद को एक संकट से बचाने के लिए देश में आपातकाल लगाया था। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान कई लोगों को गिरफ्तार किया गया और कई नेताओं के खिलाफ कठोर आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (मीसा) के तहत मामले दर्ज किए गए। उन्होंने कहा कि उस दौरान राज्य में हमारी सरकार थी। उस समय दिल्ली से करुणानिधि के लिए एक संदेश आया। इस दौरान मैडम इंदिरा गांधी के दूतों ने उन्हें सूचित किया कि आपको आपातकाल का विरोध नहीं करना चाहिए और यदि विरोध किया तो द्रमुक सरकार एक सेकंड में गिर जाएगी।

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