कंबोडिया में संदिग्ध साइबर अपराध के मामले बढ़ रहे हैं। इस रैकेट के 15 पीड़ितों को मलेशियाई अधिकारियों ने बचाया है। मलेशिया के विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसे कंबोडिया के साथ-साथ लाओस म्यांमार और थाईलैंड में नौकरी घोटाले के नेटवर्क में फंसे 301 लोगों की रिपोर्ट मिली है।
मलेशियाई अधिकारियों ने कंबोडिया में संदिग्ध साइबर अपराध रैकेट के 15 पीड़ितों को बचाया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार दक्षिण पूर्व एशिया में इसी तरह के अभियानों में फंसे अपने सैकड़ों नागरिकों की मदद करने के प्रयासों को लगातार आगे बढ़ा रही है।
कंबोडिया में साइबर अपराध के ठिकानों पर अवैध जुए और मानव तस्करी को लेकर पर एक छापेमारी के बाद मंगलवार को रेस्क्यू आपरेशन के बाद पीड़ित कुआलालंपुर पहुंचे।
बुधवार देर रात मलेशिया के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसे कंबोडिया के साथ-साथ लाओस, म्यांमार और थाईलैंड में नौकरी घोटाले के नेटवर्क में फंसे 301 लोगों की रिपोर्ट मिली है। इनमें से 168 लोगों को बचा लिया गया है, 34 लोगों को आव्रजन हिरासत में रखा गया है और 99 और लोगों का पता लगाया जा रहा है।
रैकेट के पीड़ितों का कहना है कि उन्हें कैसीनो और होटलों में उच्च-भुगतान वाली नौकरियों के वादे के द्वारा कंबोडिया में फुसलाया जाता है, लेकिन इसके बजाय उन्हें यौगिकों में रहने और इंटरनेट रोमांस और क्रिप्टोकुरेंसी योजनाओं के साथ ऑनलाइन उपयोगकर्ताओं को धोखा देने के लिए मजबूर किया जाता है।
कंबोडियाई अधिकारियों ने कहा है कि उन्हें एक परिसर में अवैध जुआ, अवैध कारावास और यातना, वेश्यावृत्ति, अवैध हथियार रखने, मनी लॉन्ड्रिंग और मानव तस्करी के सबूत मिले हैं।
दुनिया भर में हर साल 56.60 करोड़ लोग हाेते हैं शिकार
विश्वभर में हर साल बड़ी-बड़ी कंपनियां साइबर हमलों के नुकसान और उससे बचने के लिए एंटी वायरस सिस्टम पर ही छह ट्रिलियन डॉलर खर्च कर देती हैं। इसके बाद भी साइबर अपराध कम नहीं हो रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, विश्वभर में प्रत्येक वर्ष साइबर क्राइम के 56.60 करोड़ लोग शिकार हो जाते हैं। खास बात यह है कि कोविड महामारी के दौरान पिछले दो वर्षों में यह आंकड़ा 600 फीसदी यानि छह गुना तक बढ़ा है। इनमें सबसे आगे अमेरिका है, जहां 38 प्रतिशत तक साइबर क्राइम बढ़े हैं। उसके बाद भारत का नंबर आता है, जहां 17 प्रतिशत कंपनियां साइबर हमलों का शिकार होती हैं।