मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी संभव होगा हम करेंगे। दिवंगत अभिनेता को कर्नाटक रत्न पुरस्कार (मरणोपरांत) से सम्मानित करना इस कन्नड़ राज्योत्सव का मुख्य आकर्षण है। पुनीत राजकुमार ने मानवीय कार्यों के मामले में उल्लेखनीय काम किया है। (फाइल फोटो)
कर्नाटक के स्कूलों में अब दिवंगत अभिनेता पुनीत राजकुमार के पाठ को शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को इस बात की जानकारी दी। बोम्मई ने कहा कि राज्य के विभिन्न वर्ग पुनीत राजकुमार की उपलब्धियों पर पाठ को शामिल करने की मांग कर रहे हैं।
मरणोपरांत दिया गया कर्नाटक रत्न पुरस्कार
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी संभव होगा हम करेंगे। दिवंगत अभिनेता को कर्नाटक रत्न पुरस्कार (मरणोपरांत) से सम्मानित करना इस कन्नड़ राज्योत्सव का मुख्य आकर्षण है। पुनीत राजकुमार ने मानवीय कार्यों के मामले में उल्लेखनीय काम किया है। साथ ही कहा कि उन्होंने (पुनीत राजकुमार) अपने अंगों का दान किया था, यह उनकी सेवा के बारे में बहुत कुछ बताता है। उनके निधन के बाद कई और लोग अपनी आंखें दान करने के लिए आगे आए हैं।
अपने जीवन में पुनीत राजकुमार ने प्रेरणादायक काम और सेवाएं कीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने छोटे से जीवन में पुनीत राजकुमार ने प्रेरणादायक काम और सेवा की थी। जो भी संभव होगा हम उनके संदेश को आगे बढ़ाने के लिए करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि उनकी सरकार राज्य में कन्नड़ को ‘अनिवार्य’ बनाने के लिए राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कानून लाएगी।
29 अक्टूबर, 2021 को हुआ था निधन
बता दें कि अभिनेता पुनीत राजकुमार का पिछले साल 29 अक्टूबर को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। वह मात्र 46 साल के थे। फिल्म ‘बेट्टाडा हूवू’ के लिए पुनीत को सर्वश्रेष्ठ बाल अभिनेता की श्रेणी में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। 2002 में उन्होंने बतौर मुख्य अभिनेता अपना फिल्मी सफर शुरू किया। 29 फिल्मों के छोटे सफर में पुनीत राजकुमार ने कई बड़ी हिट फिल्में दीं थीं।