कांग्रेस ने पार्टी छोड़कर भारत राष्ट्र समिति (पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति) में शामिल होने वाले 12 विधायकों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और जांच की मांग की। बता दें तेलंगाना में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं जिसको देखते हुए दल-बदलने का दौर जारी है।
तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख रेवंत रेड्डी ने 2018 में कांग्रेस से भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) में शामिल होने वाले 12 विधायकों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई और कहा कि सीबीआई, जो कथित विधायक खरीद-फरोख्त मामले की जांच कर रही है, उसे टीआरएस में शामिल होने वाले विधायकों से संबंधित मामले की भी जांच करनी चाहिए।
रेवंत रेड्डी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमने कांग्रेस के टिकट पर 2018 में चुनाव जीतने वाले और तेलंगाना राष्ट्र समिति (अब बीआरएस) में शामिल होने वाले विधायकों के खिलाफ मोइनाबाद पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। हमने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।”
रेड्डी ने दावा किया, “कांग्रेस के 12 विधायक थे, जिन्होंने पाला बदला था। इनमें से महेश्वरम के विधायक को मंत्री पद मिला, रेगा कांता राव को व्हिप मिला और अन्य विधायकों को बहुत सारे अनुबंध और वित्तीय लाभ मिले।”
”सीबीआई करे मामले की जांच”
टीपीसीसी प्रमुख ने कहा कि राज्य में कथित विधायक खरीद-फरोख्त मामले की जो सीबीआई जांच शुरू होने जा रही है, उसमें बीआरएस में शामिल हुए 12 विधायकों के मामले को भी शामिल करने पर विचार किया जाना चाहिए।
रेड्डी ने कहा, “उनकी जांच की जानी चाहिए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।” बता दें, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चार बीआरएस विधायकों को लुभाने की कोशिश के आरोपों की जांच की जा रही है।
केसीआर सरकार के मुंह पर तमाचा है हाईकोर्ट का फैसला
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने विधायकों के अवैध खरीद-फरोख्त मामले को सीबीआई को स्थानांतरित करने के तेलंगाना हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया, जबकि जांच करने के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल को भी भंग कर दिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि यह फैसला “केसीआर सरकार के मुंह पर तमाचा है।”