उत्तराखंड में केंद्रपोषित योजनाओं के बजट आकार में 3000 करोड़ की वृद्धि लगभग तय मानी जा रही है। चारधाम आलवेदर परियोजना ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन को गेमचेंजर माना जा रहा है। इसके अलावा केंद्रीय करों में हिस्सेदारी ब्याजमुक्त ऋण और यूआइडीएफ से 4000 करोड़ मिल सकेगा।
केंद्र की मोदी सरकार का नया बजट उत्तराखंड के लिए बड़ी सौगात लेकर आया है। छह से सात हजार करोड़ का लाभ इस हिमालयी राज्यों को मिलने जा रहा है। केंद्रीय बजट में पूंजीगत मद में की गई 33 प्रतिशत वृद्धि से केंद्रपोषित योजनाओं और केंद्रीय सहायता के रूप में प्रदेश को लगभग तीन हजार करोड़ मिलना तय माना जा रहा है।
नए वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में ये केंद्रीय सहायता प्रदेश की पुष्कर सिंह धामी सरकार के विकास के एजेंडे को धार देने जा रही है। केंद्र की मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाएं उत्तराखंड के विकास की जन आकांक्षाओं को नई राह पर आगे बढ़ा चुकी हैं। चारधाम आलवेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन के साथ ही सीमांत क्षेत्रों में रोड कनेक्टिविटी के लिए भारतमाला परियोजना को आने वाले समय के लिए गेमचेंजर माना जा रहा है।
विशेष रूप से पर्यटन प्रदेश के रूप में उत्तराखंड की आर्थिकी के सशक्तीकरण, रोजगार के अवसरों के सृजन और एमएसएमई के विस्तार में इन परियोजनाओं की भूमिका महत्वपूर्ण रहनी हैं। केंद्र की इन परियोजनाओं के साथ ही केंद्रपोषित योजनाएं और केंद्रीय सहायता पूंजीगत मद में प्रदेश को धन उपलब्ध करा रही हैं।
नए वित्तीय वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में पूंजीगत मद में 10 लाख करोड़ की राशि की व्यवस्था का लाभ अन्य राज्यों के साथ ही उत्तराखंड समेत विशेष दर्जाप्राप्त प्राप्त 11 हिमालयी राज्यों को मिलना तय है। 17 केंद्रपोषित योजनाएं ऐसी हैं, जिनमें प्रदेश को 90:10, 80:20 के अनुपात में केंद्रीय अनुदान मिलता है। इस कारण राज्यांश के रूप में उत्तराखंड पर आर्थिक बोझ कम पड़ता है।
केंद्र सरकार ने नए बजट में पूंजीगत मद में बड़ी वृद्धि की है। प्रधानमंत्री आवास, जल जीवन मिशन, नमामि गंगे समेत अवस्थापना विकास से जुड़ी योजनाओं समेत केंद्रपोषित योजनाओं के मद में उत्तराखंड के बजट में लगभग 3000 करोड़ की वृद्धि होने के संकेत हैं।
वर्तमान में केंद्रपोषित योजनाओं के बजट का आकार 16 हजार करोड़ है। यह बजट आकार नए वित्तीय वर्ष में 19 हजार करोड़ के समीप पहुंचने की उम्मीद है। प्रदेश को केंद्रीय बजट में अरबन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (यूआइडीएफ) के प्रविधान से शहरों के विकास के लिए बड़ी सहायता मिलने का रास्ता साफ होने जा रहा है।
नाबार्डपोषित इस योजना में उत्तराखंड को शहरी विकास के लिए 500 से 1000 करोड़ की सहायता उपलब्ध हो सकेगी। 15वें केंद्रीय वित्त आयोग की संस्तुतियों का लाभ नए वित्तीय वर्ष में अधिक कर प्राप्ति के रूप में मिलेगा। जीएसटी समेत विभिन्न करों से होने वाली केंद्र सरकार की आय में वृद्धि हुई है।
नए वर्ष में इसमें और वृद्धि संभावित है। इसे देखते हुए उत्तराखंड की केंद्रीय करों में हिस्सेदारी 9130 करोड़ रुपये से बढ़कर 11428 करोड़ होने का अनुमान है। इससे प्रदेश को 2298 करोड़ की राशि करों के रूप में अधिक प्राप्त होगी।
वहीं जीएसटी प्रतिपूर्ति के एवज में एक वर्ष के लिए बढ़ाई गई स्कीम फार फाइनेंसियल असिस्टेंटस टू स्टेट्स फार कैपिटल इन्वेस्टमेंट के अंतर्गत प्रदेश को 1000 से 1500 करोड़ तक ब्याजमुक्त ऋण मिलेगा। वित्त सचिव दिलीप जावलकर का कहना है कि केंद्रीय बजट में केंद्रपोषित योजनाओं का बेस बढ़ाया गया है। इसके साथ ही केंद्रीय करों और ब्याजमुक्त ऋण का लाभ भी प्रदेश को मिलेगा।