चीन कोरोना महामारी की शुरुआत से अब तक इससे पूरी तरह से उबर नहीं सका है। वहीं दूसरी तरफ इस महामारी ने उसकी अर्थव्यवस्था को भी बेपटरी कर दिया है। इसकी वजह से काम धंधे बंद हो गए हैं और लोगों की आमदनी प्रभावित हुई है।
चीन में एक बार फिर कोरोना वायरस अपने पैर पसारने लगा है। कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए चीन के कई प्रांतों में सख्त पांबदियां लागू कर दी गई है। इस बीच अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि चीन में 7 अक्टूबर को कोरोना के नए मामलों में इजाफा हुआ है। पिछले दिन 1,656 मामलों की तुलना में 7 अक्टूबर को 1,925 नए कोरोना के मामले दर्ज किए गए है।
बिना लक्षण वाले मामलों से टेंशन में चीन
चीन में लक्षण वाले और बिना लक्षण वाले दोनों तरह के मामलों में इजाफा हो रहा है। नेशनल हेल्थ कमीशन ने अपनी दैनिक रिपोर्ट में बताया कि 501 मरीजों में कोरोना के लक्षण पाए गए है वहीं 1,424 मरीजों में कोरोना के कोई भी लक्षण नहीं दिखे है।
शंघाई के वित्तीय केंद्र ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि शुक्रवार को कोरोना का एक मामला सामने आया है। वहीं कोरोना के लक्षण न पाए जाने वाले मरीजों की संख्या 17 से 21 हो गई है। राजधानी, बीजिंग में सात नए कोरोना के नए मामले दर्ज किए गए, जो एक दिन पहले पांच थे, जिनमें कोई कोरोना संक्रमण नहीं था। बता दें कि चीन में कोविड-19 मामलों की संख्या 252,638 है, जिसमें मरने वालों की संख्या 5,226 है।
बिना लक्षण वाले मामलों से टेंशन में चीन
चीन में लक्षण वाले और बिना लक्षण वाले दोनों तरह के मामलों में इजाफा हो रहा है। नेशनल हेल्थ कमीशन ने अपनी दैनिक रिपोर्ट में बताया कि 501 मरीजों में कोरोना के लक्षण पाए गए है वहीं 1,424 मरीजों में कोरोना के कोई भी लक्षण नहीं दिखे है।
शंघाई के वित्तीय केंद्र ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि शुक्रवार को कोरोना का एक मामला सामने आया है। वहीं कोरोना के लक्षण न पाए जाने वाले मरीजों की संख्या 17 से 21 हो गई है। राजधानी, बीजिंग में सात नए कोरोना के नए मामले दर्ज किए गए, जो एक दिन पहले पांच थे, जिनमें कोई कोरोना संक्रमण नहीं था। बता दें कि चीन में कोविड-19 मामलों की संख्या 252,638 है, जिसमें मरने वालों की संख्या 5,226 है।चीन की अर्थव्यवस्था के पटरी से उतरने की वजह कोरोना तो है ही साथ ही इसकी एक बड़ी वजह वहां की जीरो कोविड पालिसी भी है। दरअसल चीन ने कोरोना से बचाव को जीरो कोविड पालिसी शुरू की हुई है। इस पालिसी की बदौलत देश में कारोबार के अलावा उपभोक्ता गतिविधियां काफी हद तक प्रभावित हुई हैं। चीन की इस नीति से देश के लोग भी ऊब चुके हैं और इसकी आलोचना कर रहे हैं।