क्या आप जानते हैं कि प्रॉक्सी सर्वर कैसे करता है काम और इसके क्या हैं फायदे..

 हाल ही में मेटा के मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप ने एक ऐसे फीचर की शुरूआत की, जो आपको इंटरनेट ना होने पर भी अपने लोगों को वॉट्सऐप पर मैसेज भेजने देगा। इस फीचर को प्रॉक्सी नाम दिया गया। इसके बाद से ये टर्म काफी चर्चा में आ गया है। तो आइये जानते हैं कि ये प्रॉक्सी सर्वर क्या है।

क्या है प्रॉक्सी सर्वर ?

प्रॉक्सी सर्वर एक सिस्टम या राउटर है जो यूजर्स और इंटरनेट के बीच गेटवे का काम करता है। यह साइबर हमलावरों को प्राइवेट नेटवर्क में प्रवेश करने से रोकने में मदद करता है। साधारण भाषा में कहें तो यह एक सर्वर है, जिसे ‘मध्यस्थ’ या ‘intermediary’ कहा जाता है, क्योंकि यह एंड-यूजर्स और उनके द्वारा ऑनलाइन देखे जाने वाले वेब पेजों के बीच काम करता है।

जब आपका कंप्यूटर इंटरनेट से जुड़ता है, तो वह IP एड्रेस का उपयोग करता है। यह आपके घर के पते के समान ही होता है, जो आने वाले डाटा को बताता है कि कहां जाना है और आउटगोइंग डाटा को अन्य डिवाइस पर प्रमाणित करने के लिए रिटर्न एड्रेस को पहचाने में मदद करते हैं। एक प्रॉक्सी सर्वर इंटरनेट पर मिलने वाला एक ऐसा कंप्यूटर है जिसका अपना खुद का IP एड्रेस होता है।

नेटवर्क सुरक्षा में कैसे है मददगार

प्रॉक्सी आपके कंप्यूटर के लिए सिक्योरिटी को अधिक मजबूत बनाता हैं। इन्हें आपके कंप्यूटर को मैलवेयर जैसे इंटरनेट खतरों से बचाने के लिए वेब फिल्टर या फायरवॉल के रूप में सेट किया जा सकता है। सुरक्षित वेब गेटवे या अन्य ईमेल सुरक्षा प्रोडक्ट्स के साथ जोड़े जाने पर यह अतिरिक्त सुरक्षा भी देता है। इसकी मदद से आप ट्रैफिक को उसकी सुरक्षा के स्तर के अनुसार फिल्टर कर सकते हैं।

प्रॉक्सी का कैसे करें उपयोग ?

कुछ लोग अपने पर्सनल कार्यों के लिए प्रॉक्सी का उपयोग करते हैं, जैसे कि ऑनलाइन फिल्में देखते समय अपना लोकेशन छिपाना। वहीं किसी कंपनी के लिए उनका उपयोग कई प्रमुख कारणों से किया जा सकता है। जिसमें सुरक्षा में सुधार करना, कर्मचारियों की इंटरनेट गतिविधि पर नजर रखना, दुर्घटनाओं को रोकने के लिए इंटरनेट ट्रैफिक को संतुलित करना, ऑफिस में वेबसाइट्स के कर्मचारियों की पहुंच को नियंत्रित करना और फाइलों को कैशिंग करके या आने वाले ट्रैफिक को कंप्रेस करके बैंडविड्थ बचाना आदि शामिल हैं।

कैसे काम करता है प्रॉक्सी ?

जैसे कि हम पहले बता चुके हैं कि एक प्रॉक्सी सर्वर का अपना IP एड्रेस होता है, यह कंप्यूटर और इंटरनेट के बीच मध्यस्थ का काम करता है। ऐसे में आपका कंप्यूटर इस एड्रेस को जानता है, और जब आप इंटरनेट पर कोई रिक्वेस्ट भेजते हैं, तो इसे प्रॉक्सी पर रूट किया जाता है। इसके बाद यह वेब सर्वर से प्रतिक्रिया पाता है और पेज से डाटा को आपके कंप्यूटर के ब्राउजर जैसे क्रोम, सफारी, फायरफॉक्स या माइक्रोसॉफ्ट एज पर फॉरवर्ड करता है।

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