गोवा विधानसभा चुनाव में कई राजनीतिक दलों ने पानी की तरह पैसे बहाए हैं। विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक पैसे तृणमूल कांग्रेस ने खर्चे हैं। तृणमूल कांग्रेस ने गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान 47.54 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
गोवा विधानसभा चुनाव में कई राजनीतिक दलों ने पानी की तरह पैसे बहाए हैं। विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक पैसे तृणमूल कांग्रेस ने खर्चे हैं। तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव के दौरान 47.54 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। वहीं, राज्य में मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के नेतृत्व में सत्ता बरकरार रखने वाली भाजपा ने राज्य में चुनावी खर्च पर 17.75 करोड़ रुपये खर्च किए। साथ ही कांग्रेस इस सूची में तीसरे नंबर है और आम आदमी पार्टी ने 3.5 करोड़ रुपये खर्च किए।
चुनाव आयोग की रिपोर्ट में खुलासा
जानकारी के अनुसार, राज्य विधानसभा चुनाव के बाद संबंधित राजनीतिक दलों द्वारा हाल ही में चुनाव आयोग को चुनावी खर्च का रिपोर्ट पेश किया गया था। गोवा में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने की उम्मीद कर रही कांग्रेस ने गोवा विधानसभा चुनाव पर करीब 12 करोड़ रुपये खर्च किए। वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने चुनाव के लिए अपने 11 उम्मीदवारों में से प्रत्येक को 25-25 लाख रुपये दिए, इसके अलावा पार्टी के केंद्रीय कोष से चुनाव अभियान पर खर्च किया गया। गोवा चुनाव में 10 उम्मीदवारों को मैदान में उतारने वाली शिवसेना ने चुनाव में करीब 92 लाख रुपये खर्च किए।
तृणमूल कांग्रेस ने सबसे अधिक पैसे किए खर्च
मीडिया रिपोर्ट्स पर गौर करें तो पार्टी को मजबूत करने के लिए तृणमूल कांग्रेस ने गोवा में चुनावी रणनीति की शुरुआत की थी और इसने 47.54 करोड़ रुपये खर्च किए। इसके लिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने राज्य में पार्टी को मजबूत करने की कोशिश में अहम भूमिका निभाई थी। तृणमूल कांग्रेस ने गोवा विधानसभा चुनाव में 23 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा, लेकिन उसे एक भी सीट नहीं मिली, जबकि उसकी सहयोगी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी ने 13 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए और दो सीटों को जीतने में सफल रही।
भाजपा ने की वापसी
आम आदमी पार्टी ने 39 उम्मीदवार उतारे और दो सीटें जीतकर राज्य में अपना खाता खोलने में सफल रही। गोवा में चुनावी मैदान में तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के प्रवेश पर कांग्रेस ने भाजपा विरोधी वोट बांटने का आरोप लगाया था। भाजपा ने 40 सदस्यीय विधानसभा में 20 सीटें जीती और MGP के दो विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई। हालांकि इस महीने की शुरुआत में, विपक्ष के नेता माइकल लोबो और पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत सहित कांग्रेस के 11 में से आठ विधायक भाजपा में शामिल हो गए।