चलिए जानते हैं दांतों में सरसो का तेल और नमक इस्तेमाल के तरीके और फायदों के बारे में..

 सदियों से हम हमारे घरों में दादी और नानी को हर समस्या के लिए पहले घरेलू उपचार करते हुए देखते आ रहे हैं। इन्हीं में से एक है सरसो तेल और नमक जिसे दांतों की समस्या के लिए प्रयोग किया जाता है।

 आज के समय में जहां एक तरह हर समस्या के लिए दवाएं और केमिकल युक्त उत्पाद मौजूद हैं। वहीं दूसरी ओर अब भी कई ऐसे घरेलू नुस्खे हैं, जिनका कोई तोड़ नहीं है। सदियों से हमारे घरों में हमने दादी और नानी को हर समस्या के लिए पहले घरेलू उपचार करते हुए देखा है, जिनपर अब भारत के बाहर दूसरे देशों में भी लोग भरोसा जता रहे हैं। इन्हीं नुस्खों में से एक है सरसो तेल और नमक का उपाय, जो दांतों के लिए अद्भुत और अत्यंत प्रभावशाली है। चलिए जानते हैं इसके इस्तेमाल के तरीके और फायदों के बारे में।

दांत खराब होने के कारण

समय के साथ और बार-बार उपयोग के साथ, आपके दांतों पर इनेमल खराब होने लगता है, इसलिए उनकी अतिरिक्त देखभाल करना महत्वपूर्ण है। दिन में कम से कम दो बार ब्रश करने से दांतों की ताकत और सफेदी बनी रह सकती है। अच्छी मौखिक स्वच्छता बनाए रखने के लिए कुछ मूलभूत आदतें हैं, जिनका निश्चित रूप से पालन करना चाहिए। वरना पीले दांतों के अलावा, दांतों में सड़न, खून बहना और मसूड़ों में सूजन जैसी समस्या भी हो सकती है।

* प्रोसेस्ड और मीठे खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन

* खराब मौखिक स्वच्छता

* दांतों की अनियमित सफाई और जांच

* अत्यधिक तंबाकू का सेवन (चबाना या किसी अन्य रूप में)

* कठोर पानी पीना

ये केवल कुछ कारण हैं, इनके अलावा और भी अन्य वजह हो सकते हैं जिन्हें खराब मौखिक स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

नमक और सरसो का तेल दांतों के लिए कैसे है कारगर?

नमक और सरसों का तेल दो ऐसी सामग्रियां हैं जिनका उपयोग सदियों से दांतों और मसूड़ों की देखभाल के लिए घरेलू उपचार के रूप में किया जाता रहा है। इतना ही नहीं इनका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी निहित है।

यह दांतों से प्लाक और दाग हटाने में मदद करते हैं, साथ ही मुंह में पीएच स्तर को बेअसर करने में भी मदद कर सकते हैं। तेल और नमक बैक्टीरिया के विकास को भी कम करता है, जो मसूड़ों की बीमारी और दांतों की सड़न पैदा कर सकते हैं।

बता दें, नमक फ्लोराइड का एक समृद्ध स्रोत है, जो दांतों को मजबूत बनाने और कैविटी को रोकने में मदद करता है। वहीं दूसरी ओर सरसों के तेल में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो मुंह में बैक्टीरिया को मारने में मदद करते हैं। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड भी होता है, जो स्वस्थ मसूड़ों को बनाए रखने के लिए आवश्यक है। मसूड़ों पर सरसों के तेल की मालिश करने से ब्लड सर्कुलेशन में वृद्धि होती है और सूजन को कम करने में भी मदद मिल सकती है, जिससे यह मसूड़ों से खून आने के लिए एक प्रभावी उपाय बन जाता है।

दांतों के लिए नमक और सरसों के तेल का इस्तेमाल कैसे करें?

दांतों के लिए नमक और सरसों के तेल का उपयोग करने के लिए, सरसों के तेल की एक छोटी मात्रा को एक चुटकी नमक या सेंधा नमक के साथ मिला लें। अगर आप सरसों के तेल में साधारण नमक डालते हैं, तो उसे आयोडीन मुक्त करने के लिए करीब दो से तीन घंटे तक धूप में रखना पड़ सकता है। नमक और सरसों के तेल के मिश्रण में आप चुटकीभर हल्दी भी मिला सकते हैं। अपनी तर्जनी उंगली से इस मिश्रण को अपने मसूड़ों और दांतों पर मालिश करें। कम से कम दो मिनट तक मसाज करने के बाद कुछ देर के लिए अपना मुंह बंद कर लें और गुनगुने पानी से धो लें। ब्रश करने के बाद नियमित रूप से इस मिश्रण का प्रयोग करें।

हालांकि, गंभीर मौखिक समस्याओं के मामले में आपको डेंटिस्ट से परामर्श लेनी चाहिए और उनकी देखरेख में ही इस मिश्रण का उपयोग करें।

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