हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा चैत्र माह में पड़ती है। पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को चैत्र पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन हनुमान जंयती भी मनाई जाती है। इस बार यह पर्व 23 अप्रैल को है। चैत्र पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा और व्रत करने का विधान है। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक के सभी दुख दूर हो जाते हैं। साथ ही स्नान-दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस दिन कुछ कार्यों को करने से इंसान को जीवन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। चलिए जानते हैं चैत्र पूर्णिमा के दिन किन कार्यों को करने से बचना चाहिए।
न करें ये काम
चैत्र पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन और मांसाहार समेत आदि चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि चैत्र पूर्णिमा पर तामसिक भोजन का सेवन करने से इंसान के जीवन पर नकारात्मक असर पड़ता है।
इस दिन महिलाओं और बड़े बुर्जुगों का अनादर नहीं करना चाहिए।
चैत्र पूर्णिमा के दिन सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए। पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपासना करें।
भगवान विष्णु को तुलसी बेहद प्रिय है। इसलिए पूर्णिमा के दिन गलती से भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
इसके अलावा पूर्णिमा की रात्रि को दही नहीं खानी चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इससे चंद्र दोष लगता है। साथ ही जीवन में धन संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
चैत्र पूर्णिमा 2024 शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक
चंद्रमा उदय – समय शाम 06 बजकर 25 मिनट पर
चंद्रमा पूजा का समय – शाम 06 बजकर 25 मिनट के बाद