आश्विन मास का दिन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि इस माह पितृपक्ष के साथ नवरात्रि भी शुरू हो रहे हैं। इस मास पितरों के साथ-साथ देवी-देवताओं की आशीर्वाद मिलेगा। जानिए इस मास कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास साल का सातवां माह है। यह माह काफी खास होता है। क्योंकि इस माह पितरों के साथ देवी-देवताओं का भी आशीर्वाद मिलता है। इसलिए इस माह को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वर्ष आश्विन मास 11 सितंबर से शुरू होकर 9 अक्टूबर 2022 तक चलेंगे। इस मास में पितृपक्ष, शारदीय नवरात्रि के साथ कोजागर पूजा के साथ शरद पूर्णिमा जैसे व्रत त्योहार पड़ रहे हैं। सर्वपितृ अमावस्या को पितृ पक्ष का अंतिम दिन माना जाता है। आश्विन मास में शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को नवरात्र प्रारंभ होते हैं। इन्हें शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। आश्विन मास में कई कार्यों को करने की मनाही है। आइए जानते हैं कि आश्विन मास में क्या करें और क्या नहीं।
आश्विन मास में क्या करें?
- आश्विन मास में पितृपक्ष पड़ते हैं। इसलिए पितरों का श्राद्ध कर्म अवश्य करें।
- इस मास में पितरों का पिंडदान, तर्पण आदि जरूर करें।
- इस मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ नवरात्रि आरंभ हो रहे हैं। इसलिए व्रतों का पालन जरूर करें।
- नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा विधिवत तरीके से करें।
- दुर्गा सप्तशती का पाठ रोजाना करें।
- स्नान, दान-पुण्य का अधिक महत्व है। इसलिए दान जरूर करें।
- रोजाना गुड़ का सेवन करें।
आश्विन मास में न करें ये चीजें
- दूध का सेवन न करें।
- इस मास में करेला का सेवन नहीं करना चाहिए।
- तला हुआ, मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
- इस मास में धूप में ज्यादा निकलने से बचें। हमेशा पूरा शरीर ढक कर बाहर निकले।
- आश्विन मास में मांसाहार, तामसिक भोजन, बैंगन, प्याज-लहसुन, बासी भोजन, सफेद तिल, लौकी, काला नमक, मसूर की दाल, सरसों का साग, चना आदि का सेवन करने से बचना चाहिए।