उत्तराखंड में बुक्सा और मुस्लिम समुदाय सबसे ज्यादा कुपोषित है। कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल के एक शोध में इसका खुलासा हुआ है शोध में पता चला है कि दोनों समुदायों में सिकल सेल एनीमिया की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। इस रोग की मुख्य वजह आपस में विवाह तथा खानपान को लेकर जागरूक नहीं होना बताया जा रहा है।
जंतु विज्ञान के विभागाध्यक्ष के नेतृत्व में पांच वर्षीय शोध में प्रदेश की चार जनजातियों के साथ ही अन्य सामान्य जातियों पर भी यह अध्ययन किया गया है। कुमाऊं विवि के जंतु विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट के निर्देशन में पीएचडी पूरी कर चुके डॉ. दीपक मेलकानी ने स्टडी ऑफ सिकल सेल एनीमिया ट्राइवल एंड नॉन ट्राइवल पॉपुलेशन उत्तराखंड रीजन विषय पर शोध किया है।
शोध के दौरान उन्होंने प्रदेश के सीमांत क्षेत्रों समेत अन्य स्थानों पर भोटिया, थारू, बनरावत, बुक्सा जनजातियों के साथ ही अन्य सामान्य जातियों में एनीमिक बीमारी पर रिसर्च किया। शोध में पता चला है कि समाज में आज भी कई लोग एनीमिक हैं, लेकिन बुक्सा, मुस्लिम समुदाय में सबसे अधिक सिकिल सेल एनीमिया की बीमारी देखी गई है।
दोनों समुदायों में खून की कमी से संबंधित यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है। विशेषज्ञों ने इसका मुख्य कारण आपस में विवाह माना है। सुझाव दिया है कि नजदीकी संबंधों में शादी से बचने की आवश्यक्ता है। जिससे इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा खानपान भी एक कारण माना है। डॉ. दीपक मेलकानी ने बताया कि भोजन यदि बेहतर नहीं होगा तो लोग इस तरह की बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
क्या है सिकल सेल एनीमिया
सिकल सेल एनीमिया खून से जुड़ी एक बीमारी है, जो शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करती है। ऐसे में नया खून नहीं बनता और हीमोग्लोबिन की कमी होती है। यह बीमारी आम तौर पर माता-पिता से बच्चों में वंशानुपात करती है। विशेषज्ञों की मानें तो इसका कोई ठोस इलाज नहीं है।
इस रोग के मुख्य लक्षण
सिकल सेल एनीमिया रोग के मुख्य लक्षणों में थकान और कमजोरी, शरीर दर्द, हाथ-पैरों में सूजन, लगातार वैक्टीरियल इंफेक्शन शामिल है। इस बीमारी में चिड़चिड़ापन, रक्ताल्पता, उतावलापन, पीलिया, सीने में दर्द आदि भी देखने को मिलते हैं।
सिकल सेल एनीमिया को लेकर अध्ययन किया गया है। शोध के दौरान बुक्सा एवं मुस्लिम समुदाय में एनीमिया बीमारी को अधिक पाया गया है। जिस पर नियंत्रण करने के लिए स्वयं से पहल करनी होगी।
प्रो. सतपाल सिंह बिष्ट, विभागाध्यक्ष जंतु विज्ञान कुविवि
जनजातियों के साथ ही सामान्य समेत अन्य जातियों में सिकल सेल एनीमिया को लेकर सर्वे किया गया। शोध में यह तथ्य सामने आया कि खून की कमी यानि एनीमिया की बीमारी से लोग ग्रसित हो रहे हैं, लेकिन बुक्सा एवं मुस्लिम समुदाय में यह अधिक देखा गया है।