बिहार और झारखंड में भाई दूज को अनोखे तरीके से मनाया जाता है। इन राज्यों में बहनें भाई को आशीर्वाद देने से पहले ही श्राप देती हैं। ये रस्म भाई की लंबी उम्र के लिए की जाती है।
भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के प्रेम को दर्शाता है। इस दिन भाई-बहन साथ मिलकर इस त्योहार को मनाते हैं। यह त्योहार दिवाली के दो दिन बाद मनाया जाता है यानी गोवर्धन पूजा के दिन भाई दूज मनाया जाता है। हिंदु धर्म में हर त्योहार को मनाने की परंपरा अलग-अलग है। बिहार और झारखंड में भाई दूज मनाने की अनोखी परंपरा है, जिसे आप जानकर हैरान हो जाएंगे। आइए बताते हैं, इस परंपरा के बारे में…
जैसा कि आप जानते हैं कि बहनें, भाई दूज के दिन भाई की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं। लेकिन बिहार और झारखंड में बहनें, भाई की लंबी उम्र के लिए ही उन्हें श्राप देती हैं, जी हां सही सुना आपने। दरअसल इन राज्यों में भाई दूज मनाने का तरीका कुछ अलग है।
इन राज्यों में भईया दूज पर गोधन कुटाई की अनोखी रस्में निभाई जाती है। यहां गाय के गोबर से गोधन बनाया जाता है और भाई दूज के दिन बहनें सुबह-सुबह गोधन की कुटाई करती हैं।
इन राज्यों में गोधन कुटाई के पीछे मान्यता है कि इन्हें कुटने से यमराज भाग जाते है। कुटने के बाद बहनें भाई को श्राप देती है, इस दिन बहनों की गाली भाई के लिए शुभ माना जाता है, लेकिन बहनें खुद इसका प्रायश्चित भी करती है। वे रेंगनी के कांटों को अपने जीभ पर चुभाती हैं, फिर भाई की सुखी जीवन के लिए कामना करती हैं।
भाई को क्यों श्राप देती हैं बहनें
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार यम और यमनी को ऐसे व्यक्ति की तलाश थी, जिसे उसकी बहन ने कभी गाली या श्राप नहीं दिया हो। इसी बीच उन दोनों को एक ऐसा व्यक्ति मिला, जिसकी बहन ने कभी गाली और श्राप नहीं दी थी। इस तरह यम और यमनी उस भाई को यमलोक ले जाने की तैयारी करने लगे।