जानिए ट्रेनों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए क्या नई व्यवस्था की गई..

उत्तर मध्य रेलवे झांसी मंडल ने कई बदलाव किए हैं। ट्रेनों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक नई व्यवस्था की गई है। ट्रेन यदि एक घंटे अधिक देरी से आएगी तो रेलवे की ओर से यात्रियों के मोबाइल पर मैसेज भेजा जाएगा।

 दिसंबर से जनवरी के बीच इस क्षेत्र में घने कोहरे के कारण रेल यातायात प्रभावित होता है। ट्रेनें घंटों देरी से चल रही हैं। जिसके वजह से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोहरे के चलते दुर्घटना की संभावना भी अधिक होती है।

जिसे देखते हुए उत्तर मध्य रेलवे झांसी मंडल ने  कई बदलाव किए हैं, जिसमें यात्रियों को मोबाइल पर एसएमएस के जरिए ट्रेन के लेट चलने की सूचना दी जाएगी। अगर ट्रेन एक घंटे से ज्यादा लेट चल रही है तो यात्री के मोबाइल पर ट्रेन के देरी से चलने की सूचना भेज दी जाएगी। यह मैसेज टिकट बुकिंग के समय दिए गए रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आएगा।

इंजनों पर लगेगा फॉगसेफ डिवाइस 

प्रति वर्ष कोहरे के कारण ट्रेनों का संचालन काफी प्रभावित होता है, जिसकी वजह से ट्रेनों को रद कर दिया जाता है। ट्रेन घंटों देरी से चलती है। जिसकी वजह से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ट्रेनों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक नई व्यवस्था की गई है, जिसमें सभी इंजनों पर फॉगसेफ डिवाइस उपलब्ध कराए गए हैं। जो जीपीएस पर चलेगा।

दृश्यता कम होने की स्थिति में उपकरण लोको पायलट को चेतावनी जारी करेगा। सभी लोको पायलटों और सहायक लोको पायलटों को सिग्नल लोकेशन बुक उपलब्ध करा दी गई है, ताकि लोको पायलट और सहायक लोको पायलट को आने वाले सिग्नल के बारे में पहले से जानकारी मिल सके। रेलवे ट्रैक में किसी भी संभावित खराबी की पहचान के लिए रेलवे लाइनों पर ठंड के मौसम में पेट्रोलिंग की जा रही है। आसानी से ट्रैक के कुशल निरीक्षण के लिए पैट्रोलमैन सभी व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण और हल्के वजन रखरखाव उपकरण से लैस है।

बोर्ड ने किए ये बदलाव

-कोहरे और खराब मौसम के दौरान लोकोमोटिव की गति निर्धारित नियमों के अनुसार होगी। खासतौर पर रात में इसका खास ख्याल रखा जाएगा।

-गश्त करने वाले कर्मचारियों को ट्रैक करने के लिए जीपीएस आधारित हैंड-हेल्ड डिवाइस उपलब्ध कराए गए हैं। ताकि वे किसी भी आकस्मिक घटना की सूचना तत्काल दोनों ओर के स्टेशनों को दे सकें।

स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली को संशोधित स्वचालित सिग्नलिंग में बदल दिया गया है। यह कोहरे के दौरान दो स्टेशनों के बीच ट्रेनों की संख्या को नियंत्रित करने में मददगार होगा।

-सभी अनाउंसमेंट बोर्ड, व्हिसल बोर्ड आदि में बेहतर दृश्यता के लिए रेट्रो रिफ्लेक्टिव कोटिंग की गई है।

-किसी भी चालक दल या गार्ड को बिना मेडिकल जांच (पीएमई) पास किए ट्रेनों के संचालन की अनुमति नहीं है।

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यात्रियों की सुविधा के लिए खास व्‍यवस्‍था

-यात्रियों को एक घंटे से अधिक देरी से चलने वाली ट्रेनों के उनके पंजीकृत मोबाइल नंबरों पर एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाएगा।

-यात्री पूछताछ संख्या 139 या ऑनलाइन वेबसाइट- https://enquiry.indianrail.gov.in के जरिए कोहरे के दौरान ट्रेन की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

– अनाधिकृत तरीके से रेलवे ट्रैक पार करने पर यात्रियों को जागरूक किया जाएगा।

-यात्रियों को साइड से या बैरियर के नीचे क्रॉसिंग को पार करने से प्रतिबंधित किया जाएगा।

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