जानिए बैकुंठ चतुर्दशी पर जरूर करें ये उपाय..

कार्तिक मास के चतुर्दशी तिथि के दिन बैकुंठ चतुर्दशी व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और विष्णु जी की एक साथ पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन कुछ उपाय करने से भक्तों को लाभ मिलता है।

 हिन्दू धर्म में कार्तिक मास को बहुत ही पवित्र महिना माना जाता है। इस मास में पड़ने वाले व्रतों का महत्व बहुत अधिक होता है। बता दें कि देव दीपावली से ठीक एक दिन पहले बैकुंठ चतुर्दशी व्रत रखा जाता है। यह व्रत हर वर्ष कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और महादेव की विधिवत पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है और उन्हें मृत्यु के उपरांत बैकुंठ धाम में स्थान प्राप्त होता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष बैकुंठ चतुर्दशी व्रत 6 नवम्बर के दिन रखा जाएगा। शास्त्रों में इस दिन के उपलक्ष में कुछ उपाय बताए हैं जिन्हें करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। आइए जानते हैं-शास्त्रों में बताया गया है कि बैकुंठ चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु और शिव की पूजा एक साथ की जाती है। इसी एक दिन भगवान शिव को तुलसी पत्र अर्पित किया जाता है। ऐसा करने से माता लक्ष्मी भक्तों से प्रसन्न होती हैं। साथ ही इस दिन भगवान विष्णु को बेलपत्र जरूर अर्पित करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से श्रीहरि प्रसन्न होते हैं और भक्तों को बैकुंठ में स्थान देते हैं।

  • शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि बैकुंठ चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु को कमल के फूल अर्पित करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके लिए 108 फूल सबसे उपयुक्त माने जाते हैं। लेकिन जितना व्यक्ति को मिल जाए, वह भी मान्य होंगे। इसके साथ भगवान शिव को इस दिन कमल के साथ सफेद चंदन भी अर्पित करें।
  • शास्त्रों में एक उपाय यह भी बताया गया है कि इस दिन भगवान विष्णु को 3 बेलपत्र अर्पित करें और इसके बाद इन्हें अगले दिन तिजोरी में सम्भालकर रख दें। ऐसा करने से घर की आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती है और धन वृद्धि होती है।
  • इसके साथ बैकुंठ चतुर्दशी के दिन भगवान शिव को तीन तुलसी पत्र अर्पित करें और पूजा के बाद उन्हें जल से भरे हुए ताम्बे के पात्र में रख दें। अगले दिन स्नान-ध्यान के बाद उस जल का छिड़काव पुरे घर में करें। माना जाता है कि ऐसा करने से घर की सभी नकारात्मकता समाप्त हो जाती है और घर में सुक्झ-समृद्धि आती है।

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