लक्खी शाह वणजारा की 444 वीं जयंती पर आयोजित हुए समारोह को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। दिल्ली से लेकर पंजाब तक इस पर राजनीतिक तेज हो सकती है।
अपने मकान को आग लगाकर गुरु तेग बहादुर जी के पवित्र शरीर का अंतिम संस्कार करने वाले लक्खी शाह वणजारा की 444 वीं जयंती पर आयोजित हुए समारोह को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है।
दिल्ली में इस समारोह के दौरान सिख मर्यादा का उल्लंघन करने का आरोप लगाने वाले शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (सरना), शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) और जग आसरा गुरु ओट (जागो) के नेता मंगलवार को दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के कार्यालय पहुंचे। वहां कमेटी के पदाधिकारियों के साथ उनकी बहस हुई। उधर, कमेटी के पदाधिकारी आरोपों को बेबुनियाद बता रहे हैं।कहा जा रहा है कि शिअद दिल्ली (सरना) और जागो के नेता आरोप लगा रहे हैं कि 10 अगस्त को आयोजित समारोह में फिल्मी गाने पर सांस्कृतिक प्रस्तुति और लक्खी शाह वणजारा के इतिहास पर नाटक का मंचन कर सिख मर्यादा का उल्लंघन किया गया है। आयोजन में शामिल होने के लिए दूसरे राज्यों से आए बंजारा समाज के लोगों को गुरुद्वारा रकाबगंज में ठहराया गया था। आरोप है कि इनमें से कई लोग तंबाकू का सेवन कर गुरुद्वारा परिसर को अपवित्र कर दिए हैं।
इस संबंध में अपनी शिकायत लेकर मंगलवार को शिअद दिल्ली (सरना) के महासचिव हरविंदर सिंह सरना, शिअद बादल की नेता रणजीत कौर और जागो के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके सहित अन्य नेता व कमेटी के सदस्य रकाबगंज परिसर स्थित डीएसजीएमसी के कार्यालय पहुंचे। उन्होंने डीएसजीएमसी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका, महासचिव जगदीप सिंह काहलों को शिकायत पत्र सौंपकर जवाब देने को कहा।
हरमीत सिंह कालका ने कहा कि जागो के अध्यक्ष व कमेटी के सदस्य मनजीत सिंह जीके ने मिलने का समय मांगा था। बाद में सरना के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल यहां पहुंचा। उनके आरोपों का जवाब दे दिया गया। उन्हें बताया गया कि सरना व जीके के कार्यकाल में भी रकाबगंज गुरुद्वारा परिसर में बाहर के लोगों को ठहराया जाता था।पहले भी सिख योद्धाओं के इतिहास को बताने के लिए नाटक का सहारा लिया गया है। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा परिसर में ठहरने वाले बंजारा समाज के लोगों को सिख मर्यादा और तंबाकू का इस्तेमाल नहीं करने के लिए जागरूक किया गया था। कमेटी को बदनाम करने के लिए स्टिंग आपरेशन किया गया है। काहलों ने कहा कि लक्खी शाह वणजारा जयंती समारोह के बाद कई राज्यों से बंजारा समाज के लोग फोन कर सिख पंथ में अपनी आस्था जताने की बात कर रहे हैं।