केन्द्र सरकार के बाद यूपी सरकार ने भी प्रदेश में कोरोना को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कोरोना की समीक्षा बैठक में कोरोना जांच और टीके की सतर्कता डोज में तेजी लाने के निर्दश दिए हैं। इसी के साथ मास्क लगाने पर पूरा जोर है।
कोरोना के नए वैरिएंट बीएफ.7 से बचाव व उपचार के लिए एडवाइजरी जारी कर दी गई। संजय गांधी पीजीआइ के निदेशक प्रो. आरके धीमन की अध्यक्षता में गठित राज्य सलाहकार कमेटी के सुझावों के अनुसार कोविड अस्पतालों का संचालन किया जाएगा।
कोविड अस्पताल करें तैयार, मास्क लगाने पर हो पूरा जोर
कोविड संक्रमितों के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग राजधानी स्थित किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सि (केजीएमयू) व राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) ग्रेटर नोएडा में की जाएगी। यहां जीनोम सीक्वेंसिंग की लैब जांच के लिए तैयार हैं। सभी लोग मास्क जरूर अनिवार्य रूप से लगाएं। ऐसे में सभी जिलों से जांच के लिए यहां सैंपल भेजे जाने के निर्देश दिए गए हैं।
दो दिन में आइसीयू की तैयारी माकड्रिल कर परखी जाए
विशेष सचिव, चिकित्सा शिक्षा दुर्गा शक्ति नागपाल के अनुसार इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) व पीडियाट्रिक आइसीयू (पीआइसीयू) की तैयारी माकड्रिल कर परखी जाएगी। वहीं सभी कोविड अस्पतालों के आइसीयू को आनलाइन जोड़कर जरूरत के अनुसार विशेषज्ञ डाक्टर एक-दूसरे से परामर्श कर रोगी का उपचार करेंगे। जरूरत के अनुसार अस्पतालों में कोविड वार्ड बनाए जाएंगे।
कोरोना वैक्सीनेशन पर सरकार का फोकस
ऐसे हेल्थ वर्कर जिन्होंने अभी तक कोरोना से बचाव के लिए टीके की सतर्कता (प्रीकाशन) नहीं लगवाई है, उनको प्राथमिकता पर टीका लगाया जाए। 60 वर्ष से अधिक उम्र के गंभीर रोगियों का विशेष ख्याल रखा जाए। कोरोना पाजिटिव होने पर इन्हें अधिक खतरा हो सकता है। वेंटीलेटर चालू हालत में होने चाहिए। अस्पतालों में स्टाफ की पर्याप्त उपलब्धता होनी चाहिए। अगर स्टाफ कम है तो आउटसोर्सिंग से कर्मियों की कमी पूरी की जाए। ऐसे जिला अस्पताल जिन्हें उच्चीकृत कर मेडिकल कालेजों में तब्दील किया गया है, उसे डेडीकेटेड कोविड अस्पताल बनाने के लिए चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग आपस में समन्वय स्थापित करें।
यह उपाय करने के दिए सुझाव
- सर्दी-जुकाम व बुखार वाले लोंगों को चिह्नित कर उनकी जांच कराई जाए।
- चीन में कोरोना की क्या स्थिति है, इस पर पूरी नजर विशेषज्ञ रखें।
- विदेश यात्रा से लौटे लोगों की कोविड जांच कराई जाए और संक्रमितों के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाए।
- जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए हर दिन निश्चित संख्या में सैंपल भेजे जाएं।
- ऐसे स्थानों पर कलस्टर सैंपलिंग कराई जाए जहां कोरोना का खतरा अधिक हो।
- बुजुर्गों को कोविड वैक्सीन की प्रीकाशन डोज जरूर लगवाई जाए। बचे सभी लोग इसे लगाएं।
- अस्पतालों को इस नए वैरिएंट के उपचार के लिए पूरी तरह अलर्ट रखा जाए।
- लोगों में कोरोना के इस नए वैरिएंट को लेकर किसी भी तरह की घबराहट न पैदा होने दें।