हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। माघ में षटतिला एकादशी व्रत रखा जाएगा। शास्त्रों के अनुसार षटतिला एकादशी व्रत रखने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उनके सभी दुःख दूर हो जाते हैं।
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को सबसे पवित्र और फलदाई माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी व्रत रखा जाता है। बता दें आने वाले नए साल में 7 जनवरी 2023 से माघ माह प्रारंभ हो जाएगा, जिसका समापन 5 फरवरी को होगा। इस पवित्र मास में व्रत एवं त्योहारों का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन षटतिला एकादशी व्रत रखा जाएगा। जिसे हिन्दू धर्म में बहुत ही फलदाई माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन स्नान दान व श्रीहरि की आराधना करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। आइए जानते हैं कब है षटतिला एकादशी, मुहूर्त?
षटतिला एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन षटतिला एकादशी रखा जाएगा। बता दें कि माघ एकादशी तिथि का प्रारंभ 6 बजकर 05 मिनट पर होगा और इसका समापन अगले दिन 18 जनवरी को शाम 4 बजकर 03 मिनट पर हो जाएगा। उदया तिथि के अनुसार षटतिला एकादशी व्रत 18 जनवरी 2023, बुधवार के दिन रखा जाएगा।
षटतिला एकादशी पूजा विधि
नारदपुराण में बताया गया है कि षटतिला एकादशी के दिन जातक को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पानी में तिल मिलाकर स्नान करना चाहिए और भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लेना चाहिए। तत्पश्चात एक चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा अथवा तस्वीर स्थापित करें। गंगाजल में तिल मिलाकर पूजा स्थल को सिक्त कर दें। इसके बाद श्रीहरि को जौ, तिल, धूप, दीप, पुष्प इत्यादि अर्पित करें और तिल से बनी मिठाई का भोग लगाएं। षटतिला एकादशी के दिन दान का भी विशेष महत्व है, इसलिए किसी जरूरतमंद को तिल का दान करें।