पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल की शुक्रवार को होने वाली बैठक में टो इरोजन रोकने के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। धंसाव के लिए अब तक बड़े कारण के रूप में अलकनंदा नदी से जोशीमठ की तलहटी में हो रहे कटाव (टो इरोजन) को आंका गया है।
भूधंसाव से अस्तित्व संकट का सामना कर रहे जोशीमठ को बचाने और स्थानीय नागरिकों के पुनर्वास को सरकार ने रणनीतिक कदम उठाने की तैयारी कर ली है।
जोशीमठ प्रभावितों के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए
धंसाव के लिए अब तक बड़े कारण के रूप में अलकनंदा नदी से जोशीमठ की तलहटी में हो रहे कटाव (टो इरोजन) को आंका गया है। पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल की शुक्रवार को होने वाली बैठक में जोशीमठ प्रभावितों के लिए और टो इरोजन रोकने के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
आज हुई बैठक में प्रभावितों को बड़ी राहत देते हुए प्रभावितों द्वारा सहकारिता से लिए गए ऋण की किस्त एक साल के लिए माफ कर दी गई है। वहीं राष्ट्रीयकृत और निजी बैंक लोन की किस्त को एक साल माफ करने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
वहीं सरकार ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने को पेपरलीक मामले में सख्त कानून लाएगी। इसे लेकर आज बैठक के दौरान चर्चा हुई। इसके साथ ही राज्य कैबिनेट की बैठक में और भी कई महत्वूपर्ण लिए गए।
महत्वपूर्ण फैसले
पेपरलीक मामले में सरकार सख्त कानून लाएगी सरकार
- मुख्य सचिव एसएस संधु ने बताया कि पेपरलीक मामले में सरकार सख्त कानून लाएगी।
- इसमें उम्र कैद तक का प्रावधान रखने की तैयारी है।
- प्रस्ताव अगली कैबिनेट में आएगा।
- आरोपितों की संपत्ति कुर्क करने की भी तैयारी है।
- वहीं रद्द की गई पटवारी परीक्षा में पुराना एडमिट कार्ड मान्य होगा।
- रोडवेज की बस में परीक्षा केंद्र तक जाने के लिए अभ्यर्थियों को मुफ्त सुविधा मिलेगी।
राज्य सरकार की मशीनरी और केंद्रीय एजेंसियां अलर्ट मोड में
जोशीमठ में बीती दो जनवरी से भूधंसाव की विकट स्थिति सामने आने के बाद राज्य सरकार की मशीनरी और केंद्रीय एजेंसियां अलर्ट मोड में हैं। शहर और शहरवासियों की सुरक्षा को विभिन्न स्तर पर फौरी कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है।
साथ में राज्य सरकार के साथ ही केंद्रीय संस्थानों के स्तर से भूधंसाव के कारणों की पड़ताल भी की जा रही है। अभी तक प्रारंभिक तौर पर जो भी निष्कर्ष सामने आए हैं, उन पर अब मंत्रिमंडल की मुहर लगेगी।
आपदा प्रबंधन सचिव डा रंजीत सिन्हा ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया था कि जोशीमठ की सुरक्षा और पुनर्वास को लेकर शुक्रवार को मंत्रिमंडल की बैठक में अहम निर्णय लिए जाएंगे।
पुनर्वास के लिए चिह्नित किए जा रहे स्थलों का भी भूगर्भीय सर्वेक्षण होगा। जोशीमठ में ड्रेनेज संबंधित कार्यों और टो-इरोजन की रोकथाम को ईपीसी मोड में तत्काल कार्य प्रारंभ करने को सिंचाई विभाग से प्रस्ताव प्राप्त हो गया है। इसमें प्रस्तावित एकल स्रोत की संस्था नामित करने को पत्रावली वित्त को भेजी गई है।
भूधंसाव के कारण जानने को अलग-अलग हो रही जांच
- आपदा प्रबंधन सचिव ने बताया कि जोशीमठ में भूमि धंसने के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखकर अलग-अलग जांच की जा रही हैं।
- आइआइटी रुड़की भू-तकनीकी अध्ययन कर रही है।
- इंडियन इंस्टीट्यूट आफ रिमोट सेंसिंग (आइआइआरएस) लैंड मूवमेंट के सेटेलाइट फोटो उपलब्ध कराए जाएंगे।
- जीएसआइ प्रभावित क्षेत्र का भूमि सर्वेक्षण एवं पुनर्वास के लिए चयनित भूमि का भूगर्भीय अध्ययन किया जा रहा है।
- वाडिया हिमालय भूवैज्ञानिक संस्थान क्षेत्र का भूकंपीय दृष्टि से अध्ययन कर रहा है। तीन भूकंपीय स्टेशन लगाए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त भूमिगत उप सतही सर्वेक्षण के भू-भौतिकीय अन्वेषण शुरू किया गया है।
- डा सिन्हा ने बताया कि राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआइ) प्रभावित क्षेत्र का भू-भौतिकीय अध्ययन कर रहा है। इसका हाइड्रोलाजिकल मैप भी उपलब्ध कराया जाएगा।
- एनजीआरआइ की टीम शुक्रवार को जोशीमठ पहुंच रही है। यह भूमिगत जल चैनल का अध्ययन करेगी।
- जोखिम मूल्यांकन को सीबीआरआइ, वाडिया इंस्टीट्यूट, जीएसआइ, आइआइआरएस व एनजीआरआइ की समिति गठित की गई है।
- सीबीआरआइ के साथ लोक निर्माण विभाग के 30 अभियंताओं की टीम भी लगाई है। सीबीआरआइ ध्वस्तीकरण से नुकसान का आकलन, ध्वस्त किए जाने वाले आवासों की निगरानी और अस्थायी पुनर्वास को प्री फैब हट की डिजायन तैयार किया जा रहा है। सीबीआरआइ की टीम जोशीमठ पहुंचकर क्षतिग्रस्त भवनों के सर्वेक्षण में जुट गई है।