शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरेआज बुधवार को अपना 62वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्मयंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें बधाई दी है. इस दौरान वह ठाकरे को ‘शिवसेना प्रमुख’ के रूप में उल्लेख करने से बचते हुए नजर आए और उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में जन्मदिन की बधाई दी.
बधाई संदेश में क्या बोले सीएम शिंदे
शिंदे ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री माननीय उद्धवजी ठाकरे जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं. वे दीघार्यु हों और स्वस्थ रहें, माता जगदम्बा के चरणों में प्रार्थना है.
https://twitter.com/mieknathshinde/status/1552132153932136451?
शिंदे के विद्रोह के बाद गिर गई उद्धव सरकार
मालूम हो कि पिछले महीने जून में शिंदे और उनके शिवसेना के 39 अन्य विधायक और 10 निर्दलीय विधायकों ने ठाकरे के खिलाफ विद्रोह किया था. जिसके चलते 29 जून को महाराष्ट्र की शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस के गठबंधन वाली महा विकास आघाडी सरकार गिर गई थी.
बाद में खुद सीएम बने शिंदे
जिसके बाद शिंदे ने अपने गुट की एक राष्ट्रीय कार्यकारिणी बनाई और 30 जून को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वहीं देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. तब से, शिंदे और ठाकरे के बीच लड़ाई जारी है.
परिवार ने सेलिब्रेट किया जन्मदिन
वहीं आज ठाकरे परिवार ने उद्धव का जन्मदिन सेलिब्रेट किया. उद्धव ने जहां केक काटा, तो वहीं परिवार के सदस्यों ने पूरे जोश के साथ तुम जियो हजारों साल .. और बार बार दिन ये आए .. जैसे पसंदीदा बॉलीवुड गाने गाए. उद्धव ठाकरे को ‘आशीर्वाद’ देने के लिए कई वरिष्ठ लोग उनके घर आ रहे है. इसके अलावा, उन्हें उपहार के तौर पर स्कैच, फूल, गुलदस्ते आदि दिए जा रहे हैं.
दोबारा बनेगा शिवसेना का सीएम
मालूम हो कि जन्मदिन से इतर शिवसेना अध्यक्ष ने कहा कि उनके नेतृत्व में महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन का प्रयोग गलत नहीं था और लोगों ने उसका स्वागत किया था. शिवसेना के मुखपत्र सामना को दिए साक्षात्कार के दूसरे भाग में ठाकरे ने कहा कि वह महाराष्ट्र में ना केवल स्थानीय निकाय बल्कि विधानसभा चुनाव भी चाहते हैं. उन्होंने दावा किया कि शिवसेना का मुख्यमंत्री फिर से होगा और वह पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य का दौरा करेंगे.
शिवसेना को शिवसेना से लड़ाने का लगाया आरोप
ठाकरे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उन लोगों को सब कुछ दे रही है जो दूसरी पार्टियों से आए हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा ने मुख्यमंत्री (शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे) पद से लेकर नेता प्रतिपक्ष (जो अभी राकांपा के अजित पवार के पास है) का पद भी ऐसे लोगों को दिया है. उन्होंने कहा, ‘दिल्ली शिवसेना से शिवसेना को लड़ाना चाहती है और मराठी भाषी लोगों को बांटना चाहती है. अगर वर्तमान शासक विपक्ष से डरते हैं तो यह उनकी अक्षमता है. लोकतंत्र में कोई भी दल स्थायी विजेता नहीं होता.’
राज्यसभा सांसद संजय राउत को दिया साक्षात्कार
ठाकरे ने कहा कि लोगों ने एमवीए के प्रयोग का स्वागत किया था और तीन दलों का यह गठबंधन इसलिए करना पड़ा क्योंकि भाजपा ने उनसे किया वादा नहीं निभाया था. सामना के कार्यकारी संपादक और राज्यसभा सदस्य संजय राउत को दिए साक्षात्कार में ठाकरे ने कहा, ‘शिवसेना का फिर से मुख्यमंत्री होगा. मैं पार्टी के आधार और कार्यकर्ताओं के विस्तार के लिए काम करूंगा. मैं अगस्त से राज्य का दौरा शुरू करूंगा. मैं चाहता हूं कि अधिक से अधिक लोग पार्टी के सदस्य बनें.’
मेरा वादा अब भी अधूरा: उद्धव ठाकरे
उन्होंने कहा, ‘मैंने भाजपा से 2019 में क्या मांगा था?… ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री का पद और इस पर सहमति बनी थी. यह पद मेरे लिए नहीं था. मैंने (अपने पिता और शिवसेना के संस्थापक) बालासाहेब से वादा किया था कि मैं शिवसेना के नेता को मुख्यमंत्री बनाऊंगा. मेरा वादा अब भी अधूरा है.’ ठाकरे ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री का पद एक चुनौती के रूप में स्वीकार करना पड़ा