ताइवान के मीडिया ने बताया कि चीनी लड़ाकू विमानों के जवाब में ताइवान ने भी अपने लड़ाकू विमानों और युद्धपोतों को भेजा। साथ ही तटीय इलाकों पर अपने मिसाइल सिस्टम को भी सक्रिय कर दिया, ताकि चीन के किसी भी दुस्साहस का जवाब दिया जा सके।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा है कि मंगलवार और बुधवार की सुबह करीब 26 चीनी लड़ाकू विमान और 10 युद्धपोत ताइवान की सीमा के आसपास दिखाई दिए। ताइवान मीडिया के अनुसार, 26 लड़ाकू विमानों में से 19 चीन और ताइवान की सीमा बांटने वाली मीडियन लाइन को भी क्रॉस कर गए। चीन की इस हरकत को उकसावे वाली कार्रवाई बताया जा रहा है।
चीन और ताइवान के बीच बढ़ा तनाव
ताइवान के मीडिया ने बताया कि चीनी लड़ाकू विमानों के जवाब में ताइवान ने भी अपने लड़ाकू विमानों और युद्धपोतों को भेजा। साथ ही तटीय इलाकों पर अपने मिसाइल सिस्टम को भी सक्रिय कर दिया, ताकि चीन के किसी भी दुस्साहस का जवाब दिया जा सके। गौरतलब है कि ताइवान में बीती 20 मई को ही नए राष्ट्रपति लाई चिंग ते ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली है। नई सरकार बनने के बाद से ही चीन का रुख आक्रामक है और उसके लड़ाकू विमान और युद्धपोत लगातार ताइवान के आसपास मंडरा रहे हैं। चीन की इस कार्रवाई को उकसावे के रूप में देखा जा रहा है। दरअसल नए राष्ट्रपति लाई चिंग ते ने अपने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान ताइवान की आजादी की बात अपने भाषण में कही, जिसने चीन को नाराज कर दिया है। हाल ही में चीन की सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी कर्नल वू कियान ने कहा था कि ताइवान की आजादी का मतलब सिर्फ युद्ध है और ताइवान में अलगाववादी गतिविधयों का समर्थन करने वाले किसी भी विदेशी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं किया जाएगा और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
चीन की सेना लगातार ताइवान पर बना रही दबाव
चीनी सेना के अधिकारी ने कहा कि चीन का एकीकरण ऐसी घटना है, जिसे टाला नहीं जा सकता। उल्लेखनीय है कि चीन, ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और यही वजह है कि वह ताइवान की आजादी का विरोध करता है। ताइवान में नई सरकार के गठन के बाद से ही चीन की सेना के लड़ाकू विमान आए दिन ताइवान की सीमा के आसपास मंडराते नजर आ जाते हैं। ताजा घटना को भी उसी दबाव बनाने की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।
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