मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पूर्वी थिएटर कमांड ने कहा कि उसकी सेना ने शुक्रवार को ‘ज्वाइंट स्वॉर्ड- 2024ए’ अभ्यास जारी रखा। इसका उद्देश्य सत्ता पर कब्जा करना, संयुक्त हमले शुरू करना और प्रमुख क्षेत्रों पर कब्जा करना है। साथ ही ताइवान की क्षमता का आकलन करना है।
चीन और ताइवान के बीच लंबे समय से संघर्ष जारी है। चीन ने शुक्रवार को ताइवान के आसपास सैन्य अभ्यास के दूसरे दिन की शुरुआत की। इसका उद्देश्य ताइवान के प्रमुख क्षेत्रों पर कब्जा करना है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने चीनी सैन्य अभ्यास पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम अपने देश की अखंडता और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। ताइवान ने भी अपनी वायुसेना, नौसेना और थलसेना को अलर्ट पर रखा है। गौरतलब है कि लाई चिंग-ते ने सोमवार को ताइवान के नए राष्ट्रपति के तौर पर कार्यभार संभाला था, जिससे चीन बौखलाया हुआ है।
सैन्याभ्यास का यह है उद्देश्य
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पूर्वी थिएटर कमांड ने कहा कि उसकी सेना ने शुक्रवार को ‘ज्वाइंट स्वॉर्ड- 2024ए’ अभ्यास जारी रखा। इसका उद्देश्य सत्ता पर कब्जा करना, संयुक्त हमले शुरू करना और प्रमुख क्षेत्रों पर कब्जा करना है। साथ ही ताइवान की क्षमता का आकलन करना है। चीन ने गुरुवार सुबह 7:45 बजे (स्थानीय समय) सैन्य अभ्यास शुरू किया था। सैन्य युद्धाभ्यास को लेकर संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया। अमेरिका ताइवान का कट्टर सहयोगी और सैन्य समर्थक है। बता दें, चीन ने ताइवान को अपना अभिन्न क्षेत्र मानते हुए लाई को अलगाववादी करार दिया है। लाई ने अपने भाषण में बीजिंग के खतरों को रोकने का आह्वान किया। चीन ने इस भाषण की आलोचना की।
ताइवान के क्षेत्र में 49 विमान और 19 चीनी जहाज दिखे
ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) ने अपने क्षेत्र के पास चीनी सैन्य विमानों और जहाजों की उपस्थिति की सूचना दी। एमएनडी के अनुसार, शुक्रवार सुबह 6 बजे तक चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के कुल 49 विमान और 19 चीनी जहाज दिखे हैं। विमानों में एसयू-30, जे-16 और केजे-500 शामिल हैं। 35 चीनी विमान ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार कर ताइवान के दक्षिण-पश्चिम वायु रक्षा क्षेत्र (एडीआईजेड) में प्रवेश कर गए हैं। ताइवान की सेना इस पर बारीकी से नजर रख रही है।
ताइवान में नई सरकार बनने पर बौखलाया चीन
लाई चिंग-ते ने सोमवार को ताइवान के नए राष्ट्रपति के तौर पर कार्यभार संभाला। अपने शपथ समारोह में उन्होंने कहा था कि चीन को युद्ध की धमकी छोड़ देनी चाहिए। राष्ट्रपति लाई अपने भाषण में स्वतंत्रता और लोकतंत्र के मूल्यों पर जोर दिया था। उन्होंने बाहरी चुनौतियों और खतरों के खिलाफ ताइवान की रक्षा करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने कहा था कि हम स्वतंत्रता और लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा करेंगे। क्षेत्र में शांति और स्थिरता की रक्षा करना जारी रखेंगे। लाई के कार्यभार संभालने पर चीन ने अपनी नाराजगी व्यक्त की। लाई को बधाई देने के लिए चीन ने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की निंदा की। चीन ने ताईपे का समर्थन करने वाले एक अमेरिकी कांग्रेसी और अमेरिका के रक्षा कंपनियों पर प्रतिबंध भी लगाया।
ताइवान सरकार की बढ़ी मुश्किलें
चीनी सैन्य अभ्यास के कारण हाल ही में ताइवान में बनी नई सरकार के लिए परेशानी और बढ़ गई है। विपक्षी सांसद कानून में बदलाव की मांग कर रहे हैं। इस बदलाव का उद्देश्य नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते की शक्तियों पर लगाम लगाना है। कानून में बदलाव की मांग के बीच मंगलवार रात हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। शुक्रवार को कानून में बदलाव पर आगे की कार्यवाही हो सकती है, ऐसे में प्रदर्शन दोबारा शुरू होने की आशंका है।