चीन और ताइवान के बीच तनाव कम होने का नाम ही नहीं ले रहा। एक बार फिर छह चीनी सैन्य विमानों, छह नौसैनिक जहाजों और चार तटरक्षक जहाजों को ताइवान की सीमा के पास देखा गया। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी है।
देखा गया था चीनी ड्रोन
एमएनडी के अनुसार, एक चीनी ड्रोन को ताइवान के वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) के दक्षिण-पश्चिम कोने में देखा गया था, जबकि एक पीएलए हेलीकॉप्टर को दक्षिणपूर्व एडीआईजेड में ट्रैक किया गया था।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके जवाब में ताइवान ने चीन की गतिविधि की नजर रखने के लिए विमान, नौसैनिक जहाजों और वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों को तैनात किया।
ग्रे जोन रणनीति का इस्तेमाल
इसके अलावा, ताइवान में लाइ चिंग के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद से चीन और ताइवान के बीच तनाव लगातार बना हुआ है। चीन ने सितंबर 2020 से ताइवान के आसपास परिचालन करने वाले सैन्य विमानों और नौसैनिक जहाजों की संख्या में बढ़ोतरी करके ग्रे जोन रणनीति का इस्तेमाल बढ़ा दिया है।
ग्रे जोन युद्ध रणनीति दरअसल वह तरीका है,जिससे धीरे-धीरे दुश्मन को कमजोर कर दिया जाता है। ग्रे जोन रणनीति के हिसाब से कोई भी देश सीधा हमला नहीं करता है, लेकिन इस एक तरह का डर हमेशा बनाए रखता है।
चीन ने किया भारत का विरोध
ताइवान ने इस महीने अब तक चीन के 54 सैन्य विमानों और 62 नौसेना जहाजों को ट्रैक किया है। वहीं दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव में एनडीए के जीत हासिल करने के बाद ताइवान के राष्ट्रपति ने नरेंद्र मोदी को बधाई पोस्ट किया था। अब पोस्ट को लेकर चीन ने आपत्ति दर्ज कराई है। इस दौरान बीजिंग के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने भारत को ताइवान की राजनीतिक चालों से सावधान रहने के लिए कहा। साथ ही भारत को वन-चाइना नीति के प्रति नई दिल्ली की प्रतिबद्धता की याद दिलाई।
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