तुर्किये और सीरिया में भूकंप की वजह से 21 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। वहीं आपरेशन दोस्त के तहत भूकंप राहत प्रयासों के लिए बचाव कर्मियों आवश्यक वस्तुओं और चिकित्सा उपकरणों को लेकर भारत से छठा विमान तुर्किये पहुंच गया है।
तुर्किये और सीरिया में सोमवार को आए विनाशकारी भूकंप से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। जानकारी के मुताबिक, अबतक 21,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। तकरीबन, 17 हजार से ज्यादा लोग तुर्किये में मारे जा चुके हैं। वहीं,सीरिया में 3 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। इस आपदा में 70,347 लोग घायल हो चुके हैं।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेडरोस अदनोम गेब्रेहेसुस सीरिया के लिए रवाना हुए। टेडरोस अदनोम गेब्रेहेसुस ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मैं सीरिया जा रहा हूं, जहां डब्लूएचओ द्वारा जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैय्या कराया जा रहा है।’
72 घंटे बाद मलबे से जीवित निकाली महिला
अंटाक्या के पूर्व में स्थित दियारबाकिर में बचाव दल ने एक घायल महिला को सुबह एक ढही हुई इमारत से करीब 72 घंटे बाद जीवित निकाल लिया। महिला के साथ के तीन लोग हालांकि मलबे में मृत पाए गए। अंटाक्या में ही एक महिला सेरप अर्सलान उस इमारत के मलबे को नम आखों से देख रही थी, जिसके तले उसकी मां और भाई दबे हुए हैं। यहां भारी मात्रा में मौजूद मलबे को हटाने का काम अब जाकर शुरू हुआ है। उधर, विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तर-पश्चिमी सीरिया में बृहस्पतिवार की सुबह संयुक्त राष्ट्र का एक सहायता ट्रक पहुंचा।
तुर्किये के साथ खड़ा है भारत
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि आपरेशन दोस्त के तहत भूकंप राहत प्रयासों के लिए बचाव कर्मियों, आवश्यक वस्तुओं और चिकित्सा उपकरणों को लेकर भारत से छठा विमान तुर्किये पहुंच गया है। इसमें भूकंप प्रभावित देश के लिए और राहत कर्मी, डाग स्क्वाड और आवश्यक दवाएं भेजी गई हैं।
अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर विदेश मंत्रालय ने तुर्किये में चलाए जा रहे अपने एक मोबाइल अस्पताल की तस्वीरें भी पोस्ट कीं, जहां चिकित्सा विशेषज्ञ आपात स्थिति में लोगों का इलाज कर रहे हैं। उधर, भूकंप प्रभावित तुर्किये में राहत और बचाव कार्यों में लगी भारत की एनडीआरएफ टीम ने गजियांटेप में मलबे के नीचे से एक छह वर्षीय बच्ची को जिंदा बचाया है।
भूकंप के नाम पर वसूले गए टैक्स की जनता मांग रही हिसाब
राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन को सरकार के बचाव व राहत के धीमे प्रयासों को लेकर आलोचना झेलनी पड़ रही है। आक्रोशित लोग सरकार से पूछ रहे हैं कि पिछले करीब ढाई दशक से भूकंप के नाम पर जो टैक्स वसूला गया, वह रकम कहां है? हिसाब दो। विनाश की इस घड़ी में उस रकम का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा रहा। बता दें कि भूकंप व अन्य प्राकृतिक आपदा से निपटने के नाम पर तुर्किये में सरकार ‘स्पेशल कम्युनिकेशन टैक्स’ वसूलती है।