आगरा में बदमाशों के अंदाज में एक व्यक्ति को घर से उठाया गया। सिकंदरा थाने की पदम प्राइड चौकी में छह घंटे अवैध हिरासत में रखा गया। मारपीट की गई। जेल भेजने की धमकी दी गई। पचास हजार रुपये मांगे गए। बाद में बीस हजार में सौदा तय हुआ। दस हजार मौके पर लिए गए। दस हजार रुपये का फोन पर तगादा किया जा रहा था। पीड़ित ने पदम प्राइड चौकी प्रभारी और उनके कथित दलाल की पुलिस आयुक्त से शिकायत की है। मामले की जांच चल रही है।
सौंठ की मंडी, हरीपर्वत निवासी जमील पुत्र रहीसउद्दीन ने पुलिस आयुक्त डॉक्टर प्रीतिंदर सिंह से शिकायत की है। पीड़ित ने बताया कि चार जनवरी की शाम वह अपने सेक्टर 16 स्थित आवास पर था। चौकी इंचार्ज पदम प्राइड देववृत्त पांडेय ने दबिश दी। उसे उठा लिया। कारण पूछने पर बताया कि कोर्ट का वारंट है। वह घबरा गया। वारंट दिखाने को कहा। उन्होंने वारंट दिखाया। वारंट जमील पुत्र रसीद खां का था। उसने यह देख दरोगा से कहा कि वारंट किसी और का है। उसे गलती से पकड़ लिया है। उसका आधार कार्ड और पैन कार्ड देख लें। दरोगा ने उसकी एक नहीं सुनी। उसे चौकी पदम प्राइड पर ले आए। चौकी पर उसके साथ मारपीट की। उससे कहा कि वारंट में रसीद खां उर्फ रहीसउद्दीन करके जेल भेज दूंगा। खामोश रहो।
10 हजार नहीं दिए तो पुलिस दोबारा उठा लेगी
पुलिस किसी भी सूरत में छोड़ने को तैयार नहीं थी। पचास हजार रुपये की मांग की गई। पुलिस के कथित दलाल हाजी ने मध्यस्थता की। बीस हजार रुपये में सौदा तय हुआ। उन्होंने फोन करके अपने बेटे को घर से बुलाया। बेटे के पास उस समय दस हजार रुपये ही थे। बेटे ने दस हजार रुपये दे दिए। हाजी ने कहा कि दस हजार वह अपने पास से मिलाकर पुलिस को दे रहा है। पुलिस ने रात करीब एक बजे हाजी के कहने पर उसे चौकी से छोड़ा। दूसरे दिन से हाजी ने दस हजार रुपये का तगादा शुरू कर दिया। फोन कर रहा है। धमकी दे रहा है कि दस हजार रुपये नहीं दिए तो पुलिस दोबारा उठा लेगी।
दरोगा करा चुका है निलंबित
हाजी चर्चित है। लोहामंडी क्षेत्र का निवासी है। पूर्व में एक चौकी इंचार्ज के साथ वीडियो वायरल हुआ था। जानलेवा हमले के मुकदमे में रुपये की मांग की जा रही थी। वीडियो वायरल होने पर चौकी इंचार्ज निलंबित हुआ था। चर्चा है कि हाजी ने ही पुलिस से जमील को उठवाया था। वह पुलिस का एजेंट है। बाद में उसने ही छुड़वाया।
आरपीएफ वाले वसूली में गए थे जेल
चौकी इंचार्ज पदम प्राइड ने उसी अंदाज में अवैध वसूली की है जैसे दिसंबर में आरपीएफ दरोगा सुरेश चौधरी, सिपाही पारुल यादव और नीरज सिंह ने की थी। आपीएफ वालों ने मलपुरा के गांव अभयपुरा से जीजा साले काजिम और इकरार को उठाया था। रातभर राजामंडी चौकी में रखा था। छोड़ने के लिए रुपये मांग रहे थे। पुलिस ने उन्हें पकड़कर अपहरण और फिरौती में जेल भेजा था। यह मामला सिविल पुलिस के दरोगा का है। जांच और कार्रवाई के नियम बदल गए। कोई मुकदमा नहीं लिखा गया। पीड़ित पर समझौते का दबाव बनाया जा रहा है।