सोशल मीडिया पर अगर आपने चाइल्ड पोर्न से जुड़े वीडियो देखे या शेयर किए तो आपको जेल जाना पड़ सकता है। दिल्ली में अब तक चाइल्ड पोर्न से जुड़े वीडियो शेयर करने पर 60 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं।
दरअसल, अमेरिका की एक स्वयंसेवी संस्था ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) को एक रिपोर्ट उपलब्ध कराई थी। इस रिपोर्ट में उन लोगों की जानकारी थी जो चाइल्ड पोर्न से जुड़े वीडियो देखते हैं या फिर चाइल्ड पोर्न के लिंक अन्य लोगों को सोशल मीडिया पर भेजते हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिन आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन सभी के बारे में एनसीआरबी की ओर से दिल्ली पुलिस को नाम, पता, मोबाइल नंबर और जीमेल आईडी तक उपलब्ध कराई गई थी।
पुलिस को शिकायतों के साथ संबंधित वीडियो भी उपलब्ध कराए गए हैं। 15 सेकंड से लेकर करीब साढ़े चार मिनट तक की इन वीडियो क्लिप में नाबालिग लड़के-लड़कियां आपस में अश्लील हरकतें करते दिखाई दे रहे हैं। जो वीडियो शेयर किए गए थे वह वीडियो बच्चों के खिलाफ शौन शोषण के प्रति भड़काने वाले माने जा सकते हैं।
अश्लील सामग्री ब्लॉक की जा रही : साइबर क्राइम प्रिवेंशन अगेंस्ट वुमेन एंड चिल्ड्रन (सीसीपीडब्ल्यूसी) योजना के तहत चालू किए गए ऑनलाइन पोर्टल के जरिये भी चाइल्ड पोर्न देखने और प्रसारित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। वेबसाइट और वीडियो के लिंक, पंजीकृत डोमेन आदि को ई-मेल आईडी के जरिये पुलिस इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर से ब्लॉक करने को कह रही है। गूगल, फेसबुक, यूट्यूब सहित सोशल मीडिया से ऐसी अश्लील सामग्री को ब्लॉक किया जा रहा है।
समझौते के तहत उपलब्ध होती है रिपोर्ट
एनसीएमईसी बाल शोषण के ऑनलाइन मामलों पर नजर रखने वाला एक अमेरिकी संगठन है। एनसीएमईसी दुनिया के तमाम देशों के साथ उनके यहां चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामलों को लेकर रिपोर्ट साझा करती है। संस्था का गूगल, फेसबुक और यूट्यूब के साथ भी समझौता है। ये कंपनियां इस संस्था को विश्वभर की रिपोर्ट मुहैया कराती हैं। तीन साल पहले राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के साथ एनसीएमईसी का समझौता हुआ था।