दूर्वा एक पवित्र घास है ,जाने इसके फायदे?

देश में गणेश उत्सव बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। 31 अगस्त से शुरू हुआ गणेश उत्सव 09 सितंबर 2022 तक मनाया जाएगा। इस दौरान भगवान गणेश की विधि विधान पूजा की जाती है और उन्हें तरह-तरह की चीजों का भोग लगाया जाता है।दूर्वा एक पवित्र घास है और जब भगवान गणेश की बात आती है, तो इसका विशेष महत्व है। दुर्वा’ शब्द ‘दुहु’ और ‘अवम’ शब्दों से बना है। ‘दुहु’ का अर्थ है, जो दूर है और ‘अवम’ का अर्थ है जो करीब लाता है। इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि दूर्वा घास गणेश भक्तों को उनके करीब लाती है। देवता को दूर्वा चढ़ाए बिना कोई भी पूजा पूरी नहीं मानी जाती है। जब आप गणेश पूजा करते हैं तो यह विशेष रूप से एक महत्वपूर्ण भेंट होती है

दूर्वा घास के फायदे

दूर्वा घास के कुछ अन्य नाम हैं ‘दूब’, बहामा घास, बरमूडा घास, डेविल्स घास या यहां तक कि क्राउच घास भी है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इसके तीन स्वाद हैं- मीठा, कसैला और कड़वा स्वाद और यह शरीर को ठंडी रखने वाली एक बेहतरीन चीज़ है। इतना ही नहीं बल्कि यह घास आपके खून को शुद्ध करते हुए पित्त और कफ दोष को कम कर सकती है। एसिडिटी के इलाज से लेकर मोटापे तक, और इम्युनिटी बढ़ाने से लेकर मसूड़ों से खून आने तक, दूर्वा घास यह सब कर सकती है।

इम्यूनिटी बूस्ट करती है

इसमें नाम का बायो-केमिकल कंपाउंड होता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। दूर्वा घास सबसे सस्ती प्रतिरक्षा बूस्टर और एनर्जाइज़र में से एक है।

ब्लड शुगर को संतुलित बनाए रखता है

इसमें हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव होता है, इसलिए यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करमे में मदद करती है और साथ ही थकान को कम करती है। आप सुबह खाली पेट दुरवा घास को नीम की पत्तियों के साथ खा सकते हैं।

कब्ज़ से मिलता है आराम

पेट की समस्याओं में दुरवा घास लाभ पहुंचाती है। दुरवा घास का जूस डिटॉक्स करने का काम करता है और अगर इसे खाली पेट पिया जाए, तो पाचन सही रहता है। खासतौर पर कब्ज़ और एसिडिटी में कारगर साबित होता है।

वज़न घटाने के लिए फायदेमंद

अगर आप लंबे समय से वज़न घटाना चाह रहे हैं, लेकिन कामयाबी नहीं मिल रही है, तो दुरवा घास आपके काम आ सकती है। आयुर्वेद के अनुसार, दुरवा घास मोटापे को कंट्रोल कर सकती है। आप दुरवा घास के साथ एक चम्मच जीरा, 4-5 काली मिर्च और थोड़ा-सी दालचीनी मिलाकर पीस लें। अब इसे छान कर दिन में दो बार छाछ या फिर नारियल पानी के साथ पिएं।

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