देश के विभिन्न हिस्सों में H3N2 मामले सामने आने के बाद उत्तराखंड का स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड में..

 एच3एन2 (इंफ्लूएंजा वायरस) के देश के विभिन्न हिस्सों में मामले सामने आने के बाद उत्तराखंड का स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड में आ गया है। वायरस के प्रकोप से लोगों को बचाने के लिए स्वास्थ्य महकमे ने एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसे लेकर एडवाइजरी भी जारी की गई है।

विशेषज्ञों का कहना है कि एच3एन2 से बचाव के लिए सावधानी की आवश्यकता है, घबराने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य विभाग ने कमजोर इम्युनिटी वाले व्यक्तियों में इस फ्लू के ज्यादा खतरे को देखते हुए उन्हें भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी है।

इन्‍हें खास ध्‍यान रखने की जरूरत 

खासकर अस्थमा और लंग इंफैक्शन के मरीजों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को इस संक्रमण से बचाव के लिए ज्यादा एहतियात बरतने की सलाह दी है। मौसम के कारण भी यह संक्रमण तेजी से अपनी चपेट में ले सकता है।

इस संक्रमण के कारण लोग खांसी, जुकाम, बुखार, डायरिया, उल्टी और शरीर में दर्द जैसी बीमारी का शिकार हो सकते हैं। इससे बचाव को लेकर मास्क और शारीरिक दूरी की सलाह दी गई है। आमजन को भीड़ वाली जगह से बचने को कहा गया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजय जैन ने बताया कि एच3एन2 का अभी कोई मामला रिपोर्ट नहीं हुआ है। दून मेडिकल कालेज अस्पताल में इससे संबंधित जांच हो रही है। अस्पतालों को अलर्ट किया गया है। मास्क, शारीरिक दूरी आदि के नियमों का पालन करने को कहा गया है।

वायरस के ग्रसित होने के ये हैं लक्षण

  • एक सप्ताह या इससे अधिक दिन तक बुखार।
  • बुखार भी तेज होना।
  • खांसी काफी समय तक रहना।
  • बलगम की परेशानी बढ़ना।
  • नाक से पानी आना।
  • सिर में दर्द रहना।
  • उल्टी जैसा महसूस होना।
  • भूख का कम होना।
  • शरीर में दर्द रहना।

ऐसे करें इंफ्लूएंजा फ्लू से अपना बचाव

  • बाहर निकलते समय या आफिस में हमेशा फेस मास्क पहनें
  • खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को अच्छी तरह कवर करें
  • भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें
  • हाथों को समय-समय पर पानी और साबुन से धोते रहें
  • खुद को हाइड्रेट रखें, पानी- फ्रूट जूस या अन्य पेय पदार्थ लेते रहें
  • नाक और मुंह छूने से बचें
  • बुखार आने की स्थिति में पैरासिटामोल लें
  • पब्लिक प्लेस पर न थूकें और न ही हाथ मिलाएं
  • किसी भी तरह के शारीरिक संपर्क से बचें
  • चिकित्सक की सलाह लिए बगैर एंटीबायोटिक नहीं लें

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