नई दिल्लीः देश में चीनी उत्पादन अक्टूबर-नवंबर के दौरान 10.65 प्रतिशत घटकर 43.2 लाख टन रहा। यह चालू चीनी वर्ष 2023-24 के पहले दो महीने हैं। सहकारी संस्था एनएफसीएसएफएल ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। चीनी का मौसम अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। एक साल पहले की समान अवधि में उत्पादन 48.3 लाख टन हुआ था। भारत दुनिया के सबसे बड़े चीनी उत्पादक देशों में से एक है। नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज लिमिटेड (एनएफसीएसएफएल) के अनुसार, महाराष्ट्र और कर्नाटक में कम उत्पादन के कारण देश का कुल चीनी उत्पादन कम हो गया है।
देश में चीनी के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन इस सत्र के अक्टूबर-नवंबर में 13.5 लाख टन रहा, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह उत्पादन 20.2 लाख टन का हुआ था। देश के तीसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य कर्नाटक में चीनी उत्पादन भी पहले के 12.1 लाख टन के मुकाबले घटकर 11 लाख टन रह गया। सहकारी संस्था ने एक बयान में कहा, हालांकि, देश में चीनी के शीर्ष उत्पादक राज्य, उत्तर प्रदेश में उत्पादन पिछले साल की समान अवधि के 10.6 लाख टन की तुलना में चीनी उत्पादन बढ़कर 13 लाख टन रहा। चालू सत्र के पहले दो महीनों में चीनी प्राप्ति का स्तर 8.45 प्रतिशत रहा।
एनएफसीएसएफएल आंकड़ों के अनुसार, चीनी उत्पादन कम था क्योंकि अक्टूबर-नवंबर में पेराई किए गए गन्ने की कुल मात्रा कम थी। चीनी सत्र 2023-24 के अक्टूबर-नवंबर के दौरान लगभग पांच करोड़ 10.1 लाख टन गन्ने की पेराई की गई, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह मात्रा पांच करोड़ 70.6 लाख टन थी। यहां तक कि चालू चीनी मिलों की संख्या भी पहले के 451 की तुलना में 433 रही। एनएफसीएसएफएल ने 2023-24 सत्र के लिए कुल चीनी उत्पादन दो करोड़ 91.5 लाख टन होने का अनुमान लगाया है, जो पिछले सत्र के 3.3 करोड़ टन से कम है।