45 डिग्री के पार पहुंच चुका तापमान जिले में लोगों को बीमार बना रहा है। इसमें तेज गर्मी की वजह से थकान और डिहाइड्रेशन के अलावा मांसपेशियों में दर्द की शिकायत के भी मरीज शामिल हैं। जिला अस्पताल के अलावा निजी अस्पतालों में भी 20 से 30 फीसदी तक मरीज गर्मी की वजह से बढ़ गए हैं।
डॉक्टरों का कहना है कि तेज धूप और लू के संपर्क में आने पर मांसपेशियों में लचीलापन कम होने लगता है। इससे ऐंठन और तेज दर्द का अहसास होता है। इसे मसल्स क्रैंप्स कहते हैं। मरीज इसमें सबसे अधिक घुटने के नीचे, कंधे और गर्दन के बीच, कोहनी के आसपास दर्द की शिकायत करते हैं। इसके वजह शरीर का डिहाइड्रेट होना भी होता है। शरीर के अंदर की तुलना में बाहर का तापमान अधिक होने पर पसीना अधिक निकलता है। इससे इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी शरीर में हो जाती है और मांसपेशियों में दर्द शुरू हो जाता है।
जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. अनुराग सागर कहते हैं, इससे बचाव के लिए जरूरी है कि इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति करने वाले पेय पदार्थ लें। पानी खूब मात्रा में पीएं। दोपहर में तेज धूप और लू के संपर्क में आने से बचें। इससे काफी हद तक खुद को गर्मी के असर से बचाया जा सकता है। ओपीडी में रोजाना 400 से अधिक मरीज देखे जा रहे हैं। इनमें 20 फीसदी से अधिक गर्मी की वजह से बीमारी वाले हैं। इसमें मांसपेशियों में दर्द के अलावा पेट में दर्द, कमजोरी, मितली, उल्टी और दस्त के मरीज शामिल हैं।
रोज दो से तीन लीटर पानी पीएं
वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. अजय अग्रवाल का कहना है कि इन दिनों हीट एग्जॉशन के मरीज बढ़े हैं। इसका कारण खराब शारीरिक फिटनेस, मोटापा, डिहाइड्रेशन, गर्मियों के अनुकूल शरीर का नहीं होना और अधिक तापमान में थकान वाली एक्सरसाइज करना है। गर्मी की वजह से थकावट महसूस करने वाले मरीजों में घबराहट, बेहोशी, सिरदर्द, पेट में मरोड़ के अलावा मांसपेशियों में ऐंठन व दर्द की शिकायतें हो जाती हैं। इससे बचने के लिए लोगों को दो से तीन लीटर पानी रोजाना पीना चाहिए। बाहर जाते समय सिर को ढंक कर रखें। बाहर से घर वापस आने पर पहले खुद को सामान्य तापमान पर लाएं। ऐसा करने के लिए पंखा चलाकर बैठें। शरीर का तापमान संतुलित करने के लिए नहा भी सकते हैं। बच्चों और बुजुर्गों को दोपहर में तेज धूप में न निकलने दें। इससे हीट स्ट्रोक हो सकता है।