नोएडा: 25वें टावर पर लिफ्ट का ब्रेक हुआ फेल

उत्तर प्रदेश के नोएडा में बीती रात एक लिफ्ट में बड़ा हादसा हो गया। अचानक लिफ्ट का ब्रेक फेल होने से वह ऊपर की तरफ चली गई।

दिल्ली से सटे नोएडा में एक बार फिर लिफ्ट हादसे का मामला सामने आया है। नोएडा सेक्टर 137 में बनी पारस टियरा सोसायटी में बीती रात एक लिफ्ट हादसा हो गया। इस हादसे में छह लोगों के घायल होने की सूचना मिली है। इस घटना से बाद पूरी सोसायटी में लोग डरे हुए हैं।

घटना के बाद स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। इससे पहले भी नोएडा गाजियाबाद में लिफ्ट की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। सोसायटी के 25वें टावर पर अचानक से लिफ्ट का ब्रेक फेल हो गया। जिसके बाद लिफ्ट नीचे जाने के बजाय ऊपर की ओर चली गई। सबसे ऊपर की छत भी तोड़ डाली।

यूपी सरकार ने पास किया था लिफ्ट एक्ट
उत्तर प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को लिफ्ट एंड एस्केलेटर बिल 2024 पास हो गया। कुछ औपचारिकताओं के साथ इसे लागू कर दिया जाएगा। हालांकि नोएडा में इस एक्ट को लागू करना बड़ी चुनौती से कम नहीं है। जिले के करीब 1200 सोसाइटियों और हजारों वाणिज्यिक, औद्योगिक और संस्थागत संपत्तियों की करीब 50 हजार लिफ्टों को कानून के तहत क्रियाशील करने में एड़ी चोटी का जोर लगाना होगा। हालांकि इसके लिए एक्ट में समय दिया गया है।

लिफ्ट के लिए जरूरी हैं ये नियम
दरअसल, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हाईराइज इमारतों की संख्या एकाएक बढ़ गई। इन इमारतों में लोगों की सुविधा के लिए लिफ्ट लगाए गए हैं। लेकिन इसके रखरखाव के बाबत कोई नियम नहीं बनाए गए। बिल्डर और अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन (एओए) अपनी सुविधा के मुताबिक इसका रखरखाव कर रहे हैं। मामले में बरती जा रही लापरवाही की वजह से इन इमारतों में रहने वाले लोगों को अपनी जान तक दांव पर लगानी पड़ती है। इससे निजात दिलाने के लिए लोगों ने लिफ्ट एक्ट की मांग सरकार से की थी।

जिले के निजी एवं सार्वजनिक परिसरों में लिफ्ट लगाने से पहले राज्य सरकार के संबंधित अधिकारी के पास पंजीकरण कराना होगा। ऐसी सभी इमारतों के मालिकों को पंजीकरण के लिए दौड़ लगाना होगा। पंजीकरण के बाद इसे लगाने के लिए एक तय शुल्क के साथ विशेषज्ञ एजेंसी की मदद लेनी होगी। लिफ्ट क्रियाशीलता से पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि मकान मालिक इसकी वार्षिक तौर पर रखरखाव की रिपोर्ट देगा। यही नहीं इसका मासिक तौर पर रखरखाव सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा। दिन प्रतिदिन की गतिविधियों पर नजर भी रखेगा। एक वर्ष में कम से कम दो बार मॉकड्रिल कराएगा।

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