पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर पीएम मोदी ने किया उनको नमन

गरीब और दलित लोगों की आवाज राष्ट्रवादी नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की आज 25 सितंबर 2022 को 160वीं जयंती है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पंडित दीन दयाल उपाध्याय को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी।

 गरीब और दलित लोगों की आवाज, राष्ट्रवादी नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की आज, 25 सितंबर 2022 को 160वीं जयंती है। भारतीय राजनीति के इतिहास में प्रमुख व्यक्तित्वों में से एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती को हर साल अंत्योदय दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पंडित दीन दयाल उपाध्याय को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी और उन्हें “असाधारण विचारक” कहा।उन्होंने ट्विटर पर कहा, मैं पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देता हूं। अंत्योदय और गरीबों की सेवा पर उनका जोर हमें प्रेरणा देता रहता है। उन्हें एक असाधारण विचारक और बुद्धिजीवी के रूप में भी व्यापक रूप से याद किया जाता है।

1916 में मथुरा में जन्मे पंडित दीन दयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पदाधिकारी और जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारक और भारतीय जनसंघ के पूर्व नेता, भारतीय जनता पार्टी के अग्रदूत थे। वह दिसंबर 1967 में जनसंघ के अध्यक्ष बने।

पिछले साल पीएम मोदी ने आयुष्मान भारत योजना को उपाध्याय के अंत्योदय दर्शन को समर्पित किया था।

उन्हें पिछली सदी के महानतम विचारकों में से एक बताते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि उपाध्याय का आर्थिक दर्शन, समाज को सशक्त बनाने के उद्देश्य से नीतियां और अंत्योदय का दिखाया मार्ग आज भी प्रासंगिक और प्रेरणादायक है।

26 सितंबर, 2021 को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 81 वें एपिसोड को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने 23 सितंबर, 2018 को आयुष्मान भारत योजना, जो दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है, के कार्यान्वयन को भी याद किया।

क्या है अंत्योदय दिवस

अंत्योदय शब्द का मतलब उत्थान होता है, जो समाज में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए उत्थान को समर्पित है। इस दिन का उद्देश्य भारत के गरीब और पिछड़े लोगों के विकास की ओर घ्यान खींचना है। साथ ही इस दिन को समाज और राजनीति में उपाध्याय के योगदान के लिए भी मनाया जाता है और उन्हें याद किया जाता है।

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